वैशाख शुक्ल तृतीया पर 3 मई को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त होने के साथ ठाकुरजी के भोगराग और पहनावे में बदलाव किया जाएगा। ठाकुरजी धोती-दुपट्टा धारण करेंगे, वहीं भोगराग में ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा और साथ ही ठाकुरजी को चंदन सेवा शुरू होगी।
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी को पीले रंग की धोती-दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। इसके बाद गोविंददेवजी को ठंडे व्यंजनों में शर्बत, ठंडाई, सत्तु, भीगी हुई चनादाल व पंचमेवा के साथ तरबूज आदि का भोग लगाया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में ठाकुरजी को धोती-दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। वहीं ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
इसके अलावा मंदिर श्रीआनंदकृष्ण बिहारीजी में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी को ठंडाई, शरबत, सत्तु, आमरस, खरबूजा, मतीरा आदि ठंडे व्यंजनों का भोग लगेगा। वहीं ठाकुरजी को नरवर रूप की पोशाक धारण करवाई जाएगी। मंदिर पुजारी ने बताया कि अब ठाकुरजी पायजामा अंगरखी छोड़ नरवर रूप में धोती दुपट्टा सिरपेच में सोएंगे। ठाकुरजी तृतीया को चंदन लेप व चने की दाल व ककड़ी व मिश्री का भोग लगाया जाएगा। चौडा रास्ता स्थित मंदिरश्री दामोदरजी में भी ठाकुरजी के पहनावे और भोगराग में बदलाव होगा। मंदिर महंत के मुताबिक ठाकुरजी का चंदन शृंगार किया जाएगा। राजभोग में श्रीखंड, रसीले फलों में आम, तरबूज, खरबूज, अंगूर का भोग लगेगा। ठाकुरजी को धोती दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। राधेरानी को सूती तांत की साडी धारण करवाई जाएगी। इसके साथ ही पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में बदलाव होगा।
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में राधा सरस जू सरकार का ऋतु पुष्पों से शृंगार कर चंदन का लेप किया जाएगा और साथ ही शीतल व्यंजनों को भोग लगाया जाएगा। इधर गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश मंदिर, चांदपोल स्थित रामचंद्रजी का मंदिर, चांदनी चौक स्थित देवस्थान विभाग के मंदिर श्री ब्रजनिधिजी, हवामहल के पास स्थित मंदिर श्री विजय गोविन्दजी, बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाईजी का मंदिर, रामगंज बाजार स्थित मंदिर श्री लाडलीजी,आमेर रोड डूंगरी स्थित प्राचीन मंदिर श्री बद्रीनारायणजी, गलतागेट स्थित गीता गायत्री मंदिर सहित शहर के सभी मंदिरों में अभिषेक के बाद नवीन पोशाक धारण करवा कर दाल, ककड़ी व मिश्री का भोग लगाया जाएगा। वहीं भक्तों द्वारा ठाकुरजी को शक्कर युक्त जल से भरे मटके, सतू, आम, खरबूजा, बिझणी आदि अर्पित किए जाएगे।
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