बिहार के जनता दल यूनाइटेड के नेता और पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे का इन दिनो नया अवतार देखने को मिल रहा है। उनकी कथावाचक के रुप में खूब चर्चा हो रही है।
अपने नए अवतार को लेकर पूर्व डीजीपी ने 27 जून को कहा कि एक समय ऐसा आता है कि इंसान जीवन के उद्देश्यों को जानना चाहता है। मैं भी उन्हीं की तरह जीवन के उद्देश्यों की खोज में जुटा हूं। इसमें मेरी बचपन से ही दिलचस्पी थी, ये सब अचानक नहीं हुआ है।
बचपन से रुचि
पूर्व डीजीपी ने बताया कि 14 साल की उम्र से मैं हनुमान जयंती जैसे अलग-अलग अवसरों पर मंदिर में प्रवचन करता था। अध्यात्म से मुझे बचपन से ही लगाव रहा है। इसमें नया कुछ नहीं है। पुलिस सेवा के समय भी मैं कई धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेता था, लेकिन ड्यूटी पर रहते हुए कथा कहने की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन दिनों मैंने ऐसा नहीं किया। मेरा मानना है कि ईश्वर के चरणों में स्थान पाना इंसान के जीवन का अंतिम लक्ष्य है।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में चर्चा में आए
बता दें कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती को लेकर दिए बयान को लेकर तत्कालीन डीजीपी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी के पद से वीआरएस ले ली थी। बताया जा रहा था कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे, लेकिन उन्हें जेडीयू से टिकट नहीं मिला। अब सोशल मीडिया पर कथावाचन करते हुए उनका वीडियो वायरल हो रहा है।
कौन हैं गुप्तेश्वर पांडेय?
- बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने एएसपी, एसपी, आईजी और एडीजी के पद पर बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं।
- पांडेय ने 2009 में बक्सर लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस ले ली थी।
- टिकट नहीं मिलने पर वापस पुलिस सेवा में आने का आवेदन किया और 9 महीने बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूरी दे दी।
- 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फिर से वीआरएस ले ली, लेकिन इस बार भी उन्हें निराश ही होना पड़ा।