हमारी तो धरोहर थी अब दुनिया ने भी उसे माना… विश्व में चमकी तेलंगाना की मूर्तिकला

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तेलंगाना के रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में सम्मिलित किया गया है। इसका निर्माण लगभग नौ सौ वर्ष पहले किया गया था। इस मंदिर का नाम मूर्तिकार रामप्पा के नाम पर किया गया है। वैश्विक धरोहरों को सूचीबद्ध करनेवाली संस्था द्वारा दिया गया सम्मान इसके संवर्धन का मार्ग खोल दिया है।

रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईसवी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था। यहां के स्थापित देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं। 40 वर्षों तक मंदिर निर्माण करनेवाले एक मूर्तिकार के नाम पर इसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।

अद्वितीय कौशल
काकतीयों के मंदिर परिसरों की विशिष्ट शैली, तकनीक और सजावट काकतीय मूर्तिकला के प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं। रामप्पा मंदिर इसकी अभिव्यक्ति है और बार-बार काकतीय लोगों की रचनात्मक प्रतिभा का प्रमाण प्रस्तुत करती है। मंदिर छह फुट ऊंचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है, जिसमें दीवारों, स्तंभों और छतों पर जटिल नक्काशी से सजावट की गई है, जो काकतीय मूर्तिकारों के अद्वितीय कौशल को प्रमाणित करती है।

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यूरोपीय व्यापारी और यात्री मंदिर की सुंदरता से मंत्रमुग्ध थे और ऐसे ही एक यात्री ने उल्लेख किया कि,

“मंदिर दक्कन के मध्ययुगीन मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकीला तारा था।”

यह मंदिर तेलंगाना के वारंगल के पास, मुलुगु जिले के पालमपेट में स्थित है। इसे रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर) के नाम से जाना जाता है। इसे अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में अंकित किया गया है। यह निर्णय यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में लिया गया। रामप्पा मंदिर, 13 वीं शताब्दी के अनुपम स्थापत्य कला का प्रतीक है जिसका नाम इसके वास्तुकार, रामप्पा के नाम पर रखा गया था। इस मंदिर को सरकार द्वारा वर्ष 2019 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में एकमात्र नामांकन के लिए प्रस्तावित किया गया था।

यूनेस्को द्वारा काकतीय रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने लोगों से इस राजसी मंदिर परिसर की यात्रा करने और इसकी भव्यता का साक्षात अनुभव प्राप्त करने का भी आग्रह किया।

केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि यूनेस्को ने पालमपेट, वारंगल, तेलंगाना में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान किया है। मैं माननीय प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं।”

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