महाशिवरात्रि पर्व पर 1 मार्च की शाम काशीपुराधिपति के नगरी में चहुंओर अद्भुत नजारा रहा। अपने आराध्य बाबा विश्वनाथ और आदि शक्ति के मिलन की घड़ी का साक्षी बनने का भाव समेटे शिव बारात में शामिल होने के लिए नागरिकों में गजब का उत्साह रहा। भूत, प्रेत, जिन्न, जानवर और देवी-देवता के प्रतीक बने कलाकारों के साथ बच्चे, बूढ़े, युवा बारात में शामिल होंने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान क्या आम और क्या खास सारी दिवार बाबा के भक्ति,अनुराग के आगे ढ़ह गयी । चहुंओर सिर्फ हर— हर महादेव ,काशी विश्वनाथ शम्भों का कालजयी उद्घोष गूंजता रहा।
परम्परानुसार महाशिवरात्रि की शाम नगर के कई क्षेत्रों से धूमधाम से बाबा की बारात निकाली गयी। शिव बारात समिति के अगुवाई में दारानगर स्थित महामृत्युजंय मंदिर से बाबा की बारात निकली। इसी क्रम में तिल भांडेश्वर मंदिर ,धूपचण्डी और अन्य क्षेत्रों से भी बारात निकली।
तिलभांडेश्वर से निकली बारात में जिस तरह दूल्हा जब बारात लेकर निकलता है, तो घर की महिलाएं दूल्हे का परछन करती हैं, ठीक उसी तरह क्षेत्रीय महिलाओं ने बाबा के प्रतीक का परछन किया। बारात मंदिर से निकल कर सोनारपुरा , हरिश्चंद्र घाट, केदार घाट पहुंच कर समाप्त हुई।
दर्शक बने हर उम्र के स्त्री-पुरुष
इस दौरान सड़क के किनारे दोनों तरफ बच्चे, महिलाएं भी बड़ी संख्या में बारात देखने के लिए जुटी रही। इस दौरान ढोल व बाजे के साथ बारात में शामिल सभी बाराती नाचते हुए जा रहे थे। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुज़र रही इस बारात का काशी के हर धर्म व जाति के लोगों ने पुष्प अर्पित कर स्वागत किया। रंगीलदास कुटिया ,तिलमापुर आशापुर से भी परम्परानुसार पूरे उत्साह के साथ शिव बारात निकाली गई। शिव बारात रंगीलदास चौराहे से होते हुए चंद्रा चौमुहानि ,आशापुर ,हवेलिया चौराहा से सारनाथ चौराहा बाबा सारंगनाथ मंदिर से पुनः उसी रास्ते से होते हुए वापस हवेलियां चौराहे से मुड़कर आशापुर ,लेधुपुर गांव से होते हुए पुनः रंगीलदास कुटिया पर शिव बारात ने विराम लिया।
देवी-देवता के रुप धारण कर शामिल हुए भक्तगण
बारात में घोड़ागाड़ी ,बैलगाड़ी , घोड़ा ,ट्रैक्टर भगवान शिव, विष्णु भगवान, ब्रम्हा जी सहित विभिन्न देवी देवताओं के प्रतीक विराजमान रहे। इसी क्रम में रोहनिया क्षेत्र के आराजी लाइन विकासखंड के ग्राम सभा शहावाबाद में शिव पार्वती की मनमोहक झांकियों के साथ शिव बारात निकाली गयी। शिव बारात में ढोल नगाड़े व बैंड बाजा तथा डीजे पर शिव भक्तों ने नाचते गाते हुए राधा कृष्ण ,शिव पार्वती सहित लगभग एक दर्जन मनमोहक झांकियां भी निकाली।
यहां से होते हुए गुजरी बारात
शिवबारात शहावाबाद से शुरू होकर सागरपुर,नाटापुर से होते हुए दरेखू स्थित प्राचीन शिव धाम मंदिर पर विराम ली। मंदिर पर शाम को ब्राह्मणों ने भगवान शिव तथा पार्वती का प्रतीक रूप से विवाह कराया । बारात समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने बताया कि यह शिव बारात 25 वर्षों से परंपरागत रूप से लगातार निकाली जा रही है। क्षेत्र के भास्करा तालाब से भी विभिन्न झांकियों के साथ शिव बारात निकाली गई।