रमेश सर्राफ धमोरा
महासागर हमारी पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन के प्रतीक हैं बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका अदा करते हैं। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरों में असीम जैव विविधता का भंडार समाया है। पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है।
विश्व महासागर दिवस का इतिहास
हर साल जून 08 को दुनिया भर में विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। 1987 में ब्रंटलैंड की एक रिपोर्ट में टिप्पणी की गयी थी की विश्व के जो महासागर हैं उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी रिपोर्ट से प्रेरित होकर कनाडा ने विश्व महासागर दिवस मानाने का प्रस्ताव रखा। 1992 में कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट ने इस दिवस को मानाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन अर्थ समिट में रखा । 08 जून 2009 को पहला विश्व महासागर दिवस मनाया गया। इसके बाद से प्रतिवर्ष 08 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। हर साल विश्व महासागर दिवस के अवसर पर विश्व में महासागर से जुड़े विषयों पर विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। जो महासागर के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के प्रति जागरुकता पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
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खाद्य के प्रमुख स्रोत
आज जब विश्व की कुल जनसंख्या का 30 प्रतिशत तटीय क्षेत्रों में निवास करता है तो ऐसी स्थिति में महासागर उनके लिए खाद्य पदार्थों का प्रमुख स्रोत साबित हो सकते हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण होने के कारण महासागर अत्यंत उपयोगी हैं। पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व यहां उपस्थित वायुमंडल और महासागरों जैसे कुछ विशेष कारकों के कारण ही संभव हो पाया है। अपने आरंभिक काल से आज तक महासागर जीवन के विविध रूपों को संजोए हुए हैं। पृथ्वी के विशाल क्षेत्र में फैले अथाह जल का भंडार होने के साथ ही महासागर अपने अंदर व आसपास अनेक छोटे-छोटे नाजुक पारितंत्रों को पनाह देते हैं। जिससे उन स्थानों पर विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु व वनस्पतियां पनपती हैं।
जलवायु नियंत्रण में योगदान
महासागर खाद्य पदार्थों का एक प्रमुख स्रोत होने के कारण हमारी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की मदद से महासागरों से पेट्रोलियम सहित अनेक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों को निकाला जा रहा है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन सहित अनेक मौसमी घटनाओं को समझने के लिए समुद्रों का अध्ययन भी महत्वपूर्ण है। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति महासागरों में ही हुई है। आज भी महासागर जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियों को बनाए रखने में सहायक हैं। महासागर पृथ्वी के एक तिहाई से अधिक क्षेत्र में फैले हैं। इसलिए महासागरीय परितंत्र में थोड़ा सा परिवर्तन पृथ्वी के समूचे तंत्र को अव्यवस्थित करने का सामर्थ्य रखता है।