योग दुनिया को भारत का अनमोल उपहार है: राहुल नार्वेकर

कैवल्यधाम के माध्यम से हर साल दुनिया भर में 10,000 से अधिक लोग सकारात्मक जीवन परिवर्तन से प्रभावित होते हैं।

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कैवल्यधाम (Kaivalya Dham) निस्वार्थ भाव से काम करने वाली संस्था है। जिससे एक आम नागरिक (Common Citizen) भी आसानी से जुड़ सकता है। केवल योग ही नहीं, कैवल्यधाम द्वारा मानव सेवा (Human Service) के भी 100 वर्ष पूरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को योग की महत्ता का लोहा मनवाया। पूरे विश्व में योग दिवस (Yoga Day) मनाए जाने के कारण विदेशों (Abroad) के नागरिक भी योग विज्ञान के महत्व को समझने लगे हैं। इसलिए, योग एक अनमोल उपहार है जो भारत ने दुनिया को दिया है, महाराष्ट्र राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) यह बात शुक्रवार (21 जुलाई) को कैवल्यधाम के 100 वर्ष पूरा होने पर योगिक विज्ञान (Yogic Science) कार्यक्रम में कहा।

अपना शताब्दी वर्ष मनाते हुए अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षण संस्थान कैवल्यधाम ने ‘योगिक विज्ञान’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री जारी की है। फिल्म का प्रदर्शन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने किया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, कैवल्यधाम शताब्दी समिति के अध्यक्ष और ऋषिहुड विश्वविद्यालय के चांसलर सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) उपस्थित थे।

इस डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य इसके पीछे के विज्ञान का अध्ययन करके योग को व्यापक रूप से आम जनता से परिचित कराना है। यह पिछले 100 वर्षों में योग के विकास को दर्शाता है और इसमें वैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा मान्य योग के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए आवश्यक तत्व शामिल हैं। डॉक्यूमेंट्री में कैवल्यधाम द्वारा पिछली शताब्दी में योग के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को भी दिखाया गया है। महाराष्ट्र के लोनावला में सह्याद्रि पर्वतों के बीच स्थित यह संस्था इस संस्था के विकास की दिलचस्प कहानी बताती है।

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लोनावाला में कैवल्यधाम योग संस्थान को योग में वैज्ञानिक अनुसंधान करने और दुनिया का पहला योग कॉलेज स्थापित करने वाला एकमात्र संस्थान होने का सम्मान मिला है। कैवल्यधाम ने अपने पूरे इतिहास में वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर योग को उसके शुद्ध पारंपरिक रूप में प्रचारित किया है। डॉक्यूमेंट्री के केंद्र में केवल्यधाम के संस्थापक स्वामी कुवलयानंद की नींव है, जिन्हें योगी वैज्ञानिक के नाम से जाना जाता है। यह स्वामी कुवलयानंद ही थे जिन्होंने दुनिया में योग चिकित्सा लाकर योग के क्षेत्र में क्रांति ला दी। साथ ही योग के चिकित्सीय लाभों को भी जनता तक पहुंचाया। वर्षों से कैवल्यधाम अपने मजबूत, चिकित्सकीय रूप से सिद्ध शोध के साथ, कैंसर देखभाल, जीन थेरेपी, ऑटो-इम्यून विकारों और उससे आगे के इलाज के लिए योग का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहा है।

कैवल्यधाम के कार्य को सलाम: सुरेश प्रभु
सृष्टि के निर्माण से लेकर आज तक बहुत सी चीजें नष्ट हो चुकी हैं। विशालकाय डायनासोरों का अस्तित्व भी इस दुनिया से लुप्त हो गया। लेकिन मनुष्य ही एक ऐसी चीज है जो खत्म नहीं हुई है। इसका कारण मनुष्य द्वारा अपनायी गयी योजनाबद्ध जीवन शैली है। योग इसका अहम हिस्सा है। क्योंकि, योग इंसान के शरीर को अंदर से लेकर बाहर तक फिट रखने का काम करता है। कैवल्यधाम जैसी संस्था पिछले 100 वर्षों से निरंतर यह कार्य कर रही है। उनके काम को मेरा सलाम है।

डॉक्यूमेंट्री आम लोगों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
इस अवसर पर बोलते हुए, कैवल्यधाम संस्था के मानद सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सुबोध तिवारी ने कहा, “यह वृत्तचित्र अनुसंधान और शिक्षा की सीमाओं को पार करके योग की प्रामाणिकता को संरक्षित करने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। जैसे ही हम संस्था के शताब्दी मील के पत्थर को पार करते हैं, हम दुनिया भर के साधकों को इस सिनेमाई अन्वेषण में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।” यह समृद्ध विरासत और योग प्रत्येक व्यक्ति और समग्र समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। संस्थान की समृद्ध विरासत को संरक्षित करते हुए, वृत्तचित्र दर्शकों को योग के क्षेत्र में इसके गहन योगदान और मानव जीवन को बदलने के महत्वपूर्ण प्रयासों के माध्यम से एक आकर्षक यात्रा पर ले जाता है। कैवल्यधाम के माध्यम से हर साल दुनिया भर में 10 हजार से अधिक लोग सकारात्मक जीवन परिवर्तन से प्रभावित होते हैं।

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