YOLO: भारत पर मंडरा रहा है ‘योलो’ का साया, क्या होगा नुकसान

अंग्रेजी में कहावत है कि "यू ओनली लीव वन्स" (YOLO), अरथात आप एक ही बार जिंदगी जीते हैं तो क्यों ना खुल के जियें। इस कल्चर को सबसे ज्यादा फॉलो करने वाला देश अब धरती से गायब होने के कगार पर है।

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-कोमल यादव

YOLO: चाहे आरएसएस प्रमुख (RSS chief) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का 3 बच्चे पैदा करने का सुझाव (suggestion to have 3 children) हो या डीएमके (DMK) एम.के स्टालिन (M.K. Stalin) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (Andhra Pradesh Chief Minister) चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) का ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने का बयान। सवाल ये है की क्या वाकई मे प्रजनन दर चिंता का विषय है?

पृथ्वी से गायब हो दक्षिण कोरिया!
अंग्रेजी में कहावत है कि “यू ओनली लीव वन्स” (YOLO), अरथात आप एक ही बार जिंदगी जीते हैं तो क्यों ना खुल के जियें। इस कल्चर को सबसे ज्यादा फॉलो करने वाला देश अब धरती से गायब होने के कगार पर है। कई शोध पत्रों और पत्रिकाओं ने ये दावा किया है कि धरती से अगर पहला कोई देश खो जाएगा तो वह दक्षिण कोरिया होगा। पर क्यों? इसका कारण है जनसंख्या और जनसंख्या घटने की एक अहम वजह है गिरता हुआ प्रजनन दर।

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भारत की प्रजनन दर में गिरावट
भारतीयों को ये समझना होगा सिचुएशन ऑलरेडी इतनी ज्यादा अलार्मिंग हो चुकी है कि डीएमके के एम.के स्टालिन हो या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इन सबने ज्यादा बच्चे पैदा करने पर जोर देने का कोई अहम कारण होगा और अब आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी वहीं बात कही है कि “ज्यादा बच्चे पैदा करना अब ये आवश्यक हो चुका है”। इन्होंने ये तक कहा की जिस तरीके से भारत का फर्टिलिटी रेट गिर रहा है अगर हम इस मैजिक संख्या 2.1 से नीचे चले गए तो आप देखेंगे कि समाज नष्ट होना शुरू हो जाएगा।

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प्रजनन दर की अवधारणा क्या है?
एक देश में आबादी जिवित रहेगी या नहीं यह डिसाइड करता है उसका फर्टिलिटी रेट। मान लीजिए एक देश की आबादी है 100 लोगों की। आप चाहते हो आज से 100, 200 साल बाद भी वहां पे आबादी 100 ही रहे तो आपको ये इंश्योर करना पड़ेगा कि फर्टिलिटी रेट वहां पे 2.1 रहे मतलब कि हर महिला 2.1 ऑन एन एवरेज बच्चों को पैदा करें। अब अगर आप नहीं कर पाते आपका फर्टिलिटी रेट हो जाता है 1 मतलब एक महिला सिर्फ 1 बच्चे को पैदा कर रही है तो आप समझ सकते हैं क्या होगा। कुछ ही दशकों में उस देश की आबादी 100 से गिर कर 50 हो जाएगी क्योंकि जहां पर एक पुरुष एक महिला थे दो लोग थे उन्होंने एक ही बच्चा पैदा किया, तो इसका मतलब है कुछ जनरेशन में उस देश की आबादी आधी हो जाएगी और एक समय पे आकर उस देश की आबादी 2/3 भी गिर सकती है। तो भारत के लिए बहुत ही आवश्यक है कि 2.1 का जो ये नंबर है इसे हम कैसे भी बनाए रखना होगा ताकि जनसंख्या स्थिर रहे।

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दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर 0.78
देश की आबादी इतनी तेजी से गिर रही है कि सब कह रहे है कि दुनिया में अगर कोई पहला देश गायब हो जाएगा वो साउथ कोरिया का होगा, लेकिन क्यों? इसका जवाब है प्रजनन दर। इनका फर्टिलिटी रेट 1 से भी कम 0.78 है। इसका अर्थ है कि साउथ कोरिया की आबादी आने वाले कुछ दशकों में 1 तिहाई बचेगी। यानि इनकी जो अभी आबादी है 5 करोड़ के आसपास उससे कम होकर 1 तिहाई इनकी आबादी बचेगी।

साउथ कोरिया का फर्टिलिटी रेट 2015 के बाद से ऐसा गिरा है कि उसके बाद वापस रिकवर ही नहीं कर पाए। अभी आपको लग रहा होगा 2.1 ठीक है अभी हमारा ऑलमोस्ट फर्टिलिटी रेट उतना ही है पर ये चिंताजनक है।

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प्रजनन दर में गिरावट के कारण
दक्षिण कोरिया योलो संस्कृति में जी रहा है। इसका मतलब है कि आप केवल एक बार जीते हैं। पश्चिमी संस्कृति ने इस संस्कृति को इतना प्रभावित किया है कि लोगों ने शादी करने या शादी करने के बारे में सोचने के बजाय प्राथमिकता के आधार पर जीवन का आनंद लेने का फैसला किया है।

एक और बड़ा कारण शहरी क्षेत्रों में देखा जाता है जहां कई महिलाएं परिवार शुरू करने की तुलना में अपने करियर को अधिक प्राथमिकता देती हैं, जबकि दोहरी आय वाले परिवारों में वृद्धि और शिक्षा की बेहतर पहुंच ने महिलाओं को शादी और बच्चे पैदा करने में देरी करने या यहां तक कि उन्हें छोड़ने में सक्षम बनाया है।

इसके अलावा, शादी को अब बच्चे पैदा करने की जरूरत के रूप में नहीं देखा जाता है। इसके साथ ही लैंगिक असमानता, आर्थिक दबाव और मुद्रास्फीति इसके प्रमुख कारण बनते हैं।

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भारत को नहीं करनी चाहिए ये गलती!
हमें हाल ही में उठाए गए प्रजनन दर के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। भले ही कई दशक लगेंगे ऐसा होने में मगर कहते है न “सौ दवा से एक परहेज अच्छा”। जिस तरह से हम भारतीय भी पश्चिमी संस्कृति को अपना कर आगे बढ़ रहे हैं ये बेहद चिंता का विषय है। धीरे-धीरे भारत का भी फर्टिलिटी रेट कम हो रहा है और हमारी स्थिति कही साउथ कोरिया जैसा ना हो जाए ऐसी गलतियां नहीं करनी है। इससे भारत बहुत कुछ सीख सकता है।

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