विक्रांत का शुरू हुआ समुद्री परीक्षण… अब भारत भी उस सेलेक्ट क्लब का सदस्य

भारतीय नौसेना के समुद्री बेड़े में जल्द ही एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत शामिल होगा। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकी और निर्मित है।

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देश के लिए आत्मनिर्भर भारत की ऊमदा मिसाल समुद्र में फेरी ले रही है। भारतीय नौसेना के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (डीएनडी) और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा इसे संयुक्त रूप से डिजाइन और गठित किया गया है।

इंडिजीनियस एयक्राफ्ट कैरियर (आईएसी) विक्रांत के निर्माण ने भारत को विश्व के उन चुनिंदा देशों में लाकर खड़ा कर दिया है जिन्हें ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर को डिजाइन और निर्मित करने में महारत प्राप्त है।

विक्रात 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौंड़ा है और इसकी ऊंचाई 59 मीचर है। इस पर कुल 14 डेक हैं, जिसमें से पांच सुपरस्ट्रक्चर में हैं। इसमें 2,300 कम्पार्टमेन्ट हैं।

इसमें एक बार में 1700 नौसैनिक रह सकते हैं। इसमें महिला अधिकारियों के लिए अलग कंम्पार्टमेन्ट बने हैं। यह 28 नॉटिकल मील की गति से चल सकता है। इसकी क्रूजिंग गति 18 नॉटिकल मील है।

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