देश मे तीन लाख से अधिक कोरोना संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन जुड़ने लगी है। जबकि मृतकों का आंकड़ा भी प्रतिदिन दो हजार को छू लिया है। ऐसी स्थिति में चारो ओर ऑक्सीजन की मांग है। इसके लिए अब सेना और रेलवे दोनों ही ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं।
सेना के सी-17 और आईएल-76 जहाज से क्रायोजनिक ऑक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है।
इसके लिए ऑक्सीजन टैंकरों को जहाज में लोड करके लाया जा रहा है। ऐसा ही एक मिशन ऑक्सीजन हिंडन एयर फोर्स स्टेशन से पानागढ़ के बीच चलाया गया।
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वाणिज्य विभाग के आंकड़े के अनुसार कोरोना की पहली लहर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता देश में प्रतिदिन 2,800 मिट्रिक टन थी जो अब बढ़कर 5,000 मिट्रिक टन प्रतिदिन हो गई है। इसे पूरा करने के लिए रेलवे ने भी कमर कस ली है। रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रही है।
ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार देश में 162 प्रेशर स्विंग एब्सोर्पशन प्लांट लगा रही है जिससे ऑक्सीजन निर्माण की क्षमता 15,419 मिट्रिक टन हो जाएगी।
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इस बीच तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेलवे ग्रीन कॉरीडोर बनाकर ऑक्सीजन के टैंकरों को प्लांट से अलग-अलग राज्यों में भेज रही है।
केंद्र सरकार द्वारा लगाए जा रहे प्रेशर स्विंग एब्सोर्पशन प्लांट में से 33 लग चुके हैं। इस परियोजना के पूरा होने से राज्यों की आवश्यकताएं बड़े स्तर तक पूरी हो जाएगी।
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