किसान ट्रैक्टर परेड : ‘हमें नहीं लगा था कि हम बच पाएंगे’

गणतंत्र दिवस पर किसान परेड के दौरान जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा का शिकार पुलिसकर्मी बने और सरकारी संपत्ति हुई। दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस के संयम को लेकर चहुओर प्रशंसा हो रही है।

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसवालों से मिलने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गए थे। उन्होंने वहां भर्ती पुलिस कर्मियों से हालचाल पूछा। महिला पुलिस कर्मी ने गृहमंत्री को उस दिन की व्यथा सुनाई।

गृह मंत्री अमित शाह सिविल लाइंस के सुश्रुत ट्रामा सेंटर गए थे। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की आड़ में मचाए गए उत्पात में 394 पुलिसकर्मियों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।

इसके बाद गृह मंत्री तीरथ राम अस्पताल भी पहुंचे थे। यहां भी घायल पुलिसकर्मी भर्ती हैं। अमित शाह ने फल भेंट किया और घायल कर्मियों के जल्द ठीक होने की कामना की।

घायल महिला कांस्टेबल ऋतु ने बताया कि हम रोते रहे चिल्लाते रहे, कोई सुन नहीं रहा था। हमें लग भी नहीं रहा था कि हम बच जाएंगे। दूसरी घायल महिला कांस्टेबल रेखा ने कहा कि ग्रील टूटकर हमारे ऊपर चली गई। हम दबे हुए थे, पसलियों में बहुत दर्द है।

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