ऐसे मनाया गया संविधान दिवस…

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देश की शासन व्यवस्था, सरकार का चयन, शक्तियों के वितरण, न्यायिक प्रक्रिया, नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार को निर्धारित और लागू करने के लिए नियमों और कानूनों की आवश्यकता होती है उसका संग्रह ही देश का संविधान कहलाता है। सरल भाषा में कहें तो ये विशेष कानूनी शुचिता वाले लोगों के विश्वास और आकांक्षाओं का दस्तावेज है।

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचि और 22 हिस्से थे।
71वें संविधान दिवस पर सियाचिन से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने संविधान की प्रस्तावना का पठन किया और शपथ ली। उड़ीसा के कटक समुद्र तट पर रेत से संविधान की छवि उकेरी गई।

(कश्मीर में भारतीय सेना के जवानों ने संविधान की प्रस्तावना का पठन किया।

यह दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है। वर्तमान में, भारत के संविधान में 465 अनुच्छेद हैं जो 25 भागों और 12 अनुसूचियों में लिखित है।

(एनएसजी हेडक्वार्टर में संविधान की प्रस्तावना का पठन करते हुए अधिकारी)

समयानुसार संविधान में कई संशोधन किए गए हैं। जैसे, 42 वें संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा कई बदलाव किए गए।

(सीआईएसएफ के अधिकारी संविधान दिवस पर प्रस्तावना का पठन करते हुए)

भारतीय संविधान के निर्माण में कई देशों की व्यवस्थाओं और संस्थाओं को लिया गया जो उपयोगी हो सकते हैं। इसके लिए ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली को अपनाया गया।

(बीएसएफ गुजरात के जवान संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ लेते हुए)

अमेरिका से सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक व्यवस्था की समीक्षा ली गई। इसी प्रकार कनाडा के संघ शासन स्थापन की प्रक्रिया को लिया गया। निदेशक सिद्धांतों का विचार आयरलैंड से लिया गया है।

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