वो पेशे से अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रही हैं। अब जब जिम्मेदारियों से प्रोफेसर मंगल गोगटे मुक्त हुईं तो चित्रकारिता की विभिन्न विधाओं के माध्यम से अपने विचारों को चित्रों में उतार रही हैं। वॉटर कलर और सादे पन्नों पर चित्रकारिता की जो शुरूआत हुई थी वो अब फेवीकोल, एक्रीलिक, ऑइल पेन्टिंग तक पहुंच चुकी है।
‘इकोनॉमिक्स इज साइंस ऑफ वेल्थ’ की थ्योरी से चित्रकारिता का कार्य एक लंबा सफर है। मंगला गोगटे का अध्यापन में सफल नाम है। वे अध्यापन में जितनी कठिन थ्योरी को सरलता से समझाती रही हैं उतने ही प्लेजेंट तरह से चित्रों को भी पेश करती हैं।
मुंबई के नेहरू आर्ट गैलेरी में 14 सितंबर 2021 से 20 सितंबर 2021 तक उनके चित्रों की प्रदर्शनी नेहरू आर्ट गैलेरी, नेहरू साइंस सेंटर में लग रही है।
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