शिक्षा की राजधानी काशी में स्पेन से मारिया रूईस नामक महिला छह वर्ष पहले आई थी। वो यहां के संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय में ‘पूर्व मीमांसा’ विषय लेकर संस्कृत की पढ़ाई कर रही थीं। 38वें दीक्षांत समारोह में मारिया सबके लिए आकर्षण और प्रेरणा बनीं।
पूर्व मीमांसा (एमए) विषय लेकर आचार्य की डिग्री प्राप्त करनेवाली मारिया पहली छात्रा हैं। मारिया को लगभग छह भाषाओं का ज्ञान है। इसके पहले उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की थी।
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38वें दीक्षांत समारोह में 29 मेधावी छात्र-छात्राओं को पदवी से सम्मानित किया गया। मीना कुमारी नामक छात्रा को सर्वाधिक दस पदक प्राप्त हुए। 16 छआत्रों को पीएचडी की उपाधि से सम्मनित किया गया। इस वर्ष 17,244 छात्रों को प्रथमा से लेकर पीएचडी की उपाधि मिली है।
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इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल कार्यक्रम की अध्यक्ष थीं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना 22 मार्च 1958 को हुई थी। इसका नाम तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद पर रखा गया है।
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