जानिये क्या है अनुच्छेद 356? जिसके अंतर्गत उठ रही बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग

पश्चिम बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन की मांग तीव्र होने लगी है। मतगणना के बाद राज्य में हिंसा की गतिविधियों में आई तेजी को सामाजिक संगठन गंभीरता से ले रहे हैं।

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मतगणना के बाद बलिष्ठ होती हिंसा पर रोष बढ़ रहा है। अब सर्वोच्च न्यायालय में एक गैर सरकारी संगठन ने याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि राज्य में संवैधानिक ढांचा विफल हो गया है। इसलिए अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

इस याचिका को मतगणना के पश्चात राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं को लक्ष्यित करके दायर किया गया है। याचिका में बताया गया है कि यह हिंसा ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

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इस याचिका में मांग की गई है कि,
यह घोषित किया जाए कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक ढांचा विफल हो गया है, इसलिए महामहिम राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 के अंतर्गत उचित कार्रवाई करें।

याचिकाकर्ता इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट की इस याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार को आदेश दे कि राज्य में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स और सेना को तैनात करे जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति सुधर सके।

ये हैं अनुच्छेद 356 के प्रावधान
अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को यह अधिकार प्रदान करता है कि वे किसी राज्य में यदि उन्हें लगे कि कोई राज्य सरकार अपना कार्य प्रतिपादन संवैधानिक प्रक्रिया के अनुरूप नहीं कर पा रही है तो वे राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश दे सकते हैं।

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