प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान पीएम गतिशक्ति लॉन्च किया। पीएम ने दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के बुनियादी ढांचे में परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाई। यह रेल और सड़क मार्ग समेत 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसके जरिए लाखों योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलने का दावा किया गया है। इस दौरान पीएम ने देश के लोगों को संबोधित कर पीएम गतिशक्ति योजना के क्रियान्वयन और उद्देश्य के बारे में जानकार दी।
खास बातें
- गतिशक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत की इंडस्ट्री, भारत का व्यापार जगत, भारत के मैन्यूफैक्चरर्स, भारत के किसान हैं।
- ये भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए नई ऊर्जा देगा, उनके रास्ते के अवरोध समाप्त करेगा।
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं।
- पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है। ये नेशनल मास्टरप्लान, 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा।
- अब सरकार की सामूहिक शक्ति योजनाओं को पूरा करने में लग रही है। इसी वजह से अब दशकों से अधूरी बहुत सारी परियोजनाएं पूरी हो रही हैं।
- हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणापत्र में भी नजर नहीं आता। जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि सस्टेनबल डेवलपमेंट के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है।
- हमने ना सिर्फ परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने का work-culture विकसित किया बल्कि आज समय से पहले प्रोजेक्टस पूरे करने का प्रयास हो रहा है।
- अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने लगे हैं।
- 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था। बीते 7 सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है।
- 2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 1900 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण हुआ था। बीते 7 वर्षों में हमने 9 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों की डबलिंग की है।
- 2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 60 पंचायतों को ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था। बीते 7 वर्षों में हमने डेढ़ लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट कर दिया है।
- 2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज 7 सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है और एक हजार किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है।
- 2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज 7 सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है औऱ एक हजार किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है।
- 2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज 7 सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है औऱ एक हजार किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है।