विधानसभा अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर, विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई सहित महाराष्ट्र विधान परिषद के 17 विधायक अगले साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नए साल में यह चुनाव विधान परिषद में राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है।
विधान सभा में पार्टी की शक्ति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के चार, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो-दो और कांग्रेस के एक सदस्य का चुनाव किया जा सकता है। दसवें स्थान के लिए पार्टियों के बीच रस्साकशी होने की संभावना है। कांग्रेस और निर्दलीय के अतिरिक्त वोटों की मदद से महाविकास आघाड़ी द्वारा समर्थित उम्मीदवार चुना जा सकता है। महाविकास आघाड़ी कुल छह और भाजपा चार प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
विधान परिषद में परंपरा
धनवान लोगों को विधान परिषद में मौका दिए जाने की राज्य की परंपरा है। ठाणे, पुणे, जलगांव, सांगली-सतारा, नांदेड़, भंडारा-गोंदिया और यवतमाल निर्वाचन क्षेत्रों में विधायकों का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है। इसके अलावा नगर और सोलापुर स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों में स्थगित चुनाव भी अगले साल होंगे।
क्या इन वरिष्ठों को मिलेगा एक और मौका
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या स्पीकर रामराजे नाइक निंबालकर और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को एक और मौका दिया जाता है। हालांकि ये दोनों उम्रदराज हैं। इसलिए इनके बारे में राकांपा और शिवसेना का नेतृत्व अपने अनुभव और इनके राजनैतिक महत्व के आधार पर फैसला लेगा।
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भाजपा को चुनौती
भाजपा के सबसे ज्यादा आठ एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। शिवसेना के चार , राकांपा के तीन और कांग्रेस के दो विधायक भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। भाजपा के लिए अपनी ताकत को बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।
सेवानिवृत्त होने वाले सदस्य
भाजपा
प्रवीण दरेकर ( विधान परिषद में विपक्ष के नेता), सदाभाऊ खोत, सुजिर्तनसाह ठाकुर, विनायक मेटे, प्रसाद लाड, रामनिवास सिंह, चंदूभाई पटेल, परिनय फुके
शिवसेना
उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, दिवाकर रावते, रवींद्र फाटक, दुष्यंत चतुर्वेदी,
राष्ट्रवादी कांग्रेस
संजय दौंड, रामराजे नाइक निंबालकर, अनिल भोसले
कांग्रेस
मोहन कदम, अमर राजुरकर
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