26/11 terrorist attack: दिग्विजय सिंह अब कहां हैं? सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा सवाल

26/11 हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अंततः भारत लाया गया है। इसके बाद जहां श्रेय लेने के लिए विवाद छिड़ गया है, वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का पुराना बयान फिर से चर्चा में आ गया है।

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26/11 terrorist attack: 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा(mastermind tahawwur rana) को अंततः भारत लाया गया है। इसके बाद जहां श्रेय लेने के लिए विवाद छिड़ गया है, वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह(Congress leader Digvijay Singh) का पुराना बयान फिर से चर्चा में(Old statement in discussion again) आ गया है। कांग्रेस नेताओं ने 26/11 हमलों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(Rashtriya Swayamsevak Sangh) को जिम्मेदार ठहराया था। इस बीच, 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा(Discussion on Waqf Bill) के दौरान सुधांशु त्रिवेदी(Sudhanshu Trivedi) ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि 26/11 हमले में आरएसएस का नाम लेने वाला व्यक्ति सदन में बैठा है। उस समय दिग्विजय सिंह के चेहरे पर उदासी छाई थी।

क्या था प्रकरण?
मूलतः, मुंबई हमलों के मात्र 10 दिन बाद, दिग्विजय सिंह ने प्रकाशित एक पुस्तक में लिखा था कि 26/11 हमला संघ की साजिश थी। दिग्विजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि इसमें कोई पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल नहीं था, इस हमले का मास्टरमाइंड अशोक सिंघल था और आरएसएस के लोगों ने 26/11 हमले को अंजाम दिया। जब पूरी दुनिया 26/11 के हमलों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा रही थी, तब कांग्रेस पार्टी के नेता और पार्टी के करीबी लोग 26/11 के आतंकवादी हमलों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार ठहराने की साजिश कर रहे थे। आज, उस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के 17 साल बाद भी, कांग्रेस पार्टी मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के लिए आरएसएस और तथाकथित ‘भगवा आतंकवाद’ को दोषी ठहराती रहती है।

अमित शाह ने लिया आड़े हाथ
इस मामले में दिग्विजय सिंह और अमित शाह 4 अप्रैल को राज्यसभा में आमने-सामने आ गए। विवाद तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने 2002 के गुजरात दंगों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए। दूसरी ओर, अमित शाह ने न सिर्फ इस पर प्रतिक्रिया दी, बल्कि दिग्विजय सिंह को उनके पुराने बयानों, खासकर 26/11 मुंबई हमलों पर दिए गए बयानों को लेकर भी आड़े हाथों लिया।

दिग्विजय सिंह और अमित शाह में तकरार
अमित शाह ने कहा कि जब गुजरात दंगे हुए तब मैं गृह मंत्री नहीं था। दंगों के 18 महीने बाद मैं गुजरात में गृह राज्य मंत्री बना। शाह ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए दिग्विजय सिंह की आलोचना की। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 26/11 हमले में शामिल था।” सिंह ने कहा, “आप लोग ही हैं जो अक्सर इसका जिक्र करते हैं।” इसके बाद शाह ने कहा, “आपने ऐसा कभी नहीं कहा, लेकिन आपके कार्य और बयान हमेशा विवाद पैदा करते हैं।”

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दिग्विजय सिंह ने साधा मौन
इस बीच, 10 अप्रैल को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है। इससे कई लोगों की भौंहें तन गई हैं। अब दिग्विजय सिंह इस पर कहीं भी टिप्पणी करते नजर नहीं आए हैं। इसलिए उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि दिग्विजय सिंह ने तहव्वुर राणा समेत पाकिस्तानी मास्टरमाइंडों को छोड़कर हिंदुओं को दोषी ठहराने और जांच में भ्रम पैदा करने का काम किया है।

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