Gujarat: डॉक्टर तैयार करने की फैक्ट्री है प्रदेश, जानिये हर वर्ष कितने डॉक्टर होते हैं तैयार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूरवर्ती गांवों में मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स बनाने का सपना साकार हुआ है।

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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर स्थित अपोलो अस्पताल में शनिवार को आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में मेडिकल क्षेत्र में देश के भविष्य निर्माण में योगदान दे रहे चिकित्सा शिक्षकों को प्रोत्साहित किया। यह कार्यक्रम केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीनस्थ नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस द्वारा आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गुजरात ने चिकित्सा शिक्षा को बहुत ही महत्व देते हुए मेडिकल कॉलेजों एवं मेडिकल सीटों में निरंतर वृद्धि की है। आज गुजरात में एम्स व अन्य अस्पताल सहित कुल 40 मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं। इन कॉलेजों में पढ़ाई कर हर वर्ष 7000 से अधिक डॉक्टर राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में सेवा में जुड़ रहे हैं।

सकारात्मक बदलाव
मुख्यमंत्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शिता पूर्ण नेतृत्व के परिणामस्वरूप शिक्षा एवं मेडिकल क्षेत्र में देश में अनेक सकारात्मक बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या देशभर में 225 मेडिकल कॉलेज एवं 70000 मेडिकल सीटों की वृद्धि हो, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्रो-पीपल गवर्नेंस के साथ-साथ प्रो-एक्टिव प्रैक्टिसेज पर भी अधिक बल दिया है।

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आयुष्मान भारत योजना देश के करोड़ों गरीब परिवारों का स्वास्थ्य कवच
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम विशेषकर मेडिकल एजुकेशन तथा हेल्थकेयर क्षेत्र में प्रो-एक्टिव प्रैक्टिसेज को प्रोत्साहन देगा। इस प्रकार के प्रोग्राम्स व्यावसायिक विकास के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास के लिए भी महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से देश के करोड़ों गरीब परिवारों को स्वास्थ्य कवच भी प्रदान किया गया है। इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत अकाउंट्स द्वारा डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की भी नई पहल शुरू की गई है।

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गांवों में मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स बनाने का सपना साकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूरवर्ती गांवों में मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स बनाने का सपना साकार हुआ है। किडनी रोग संबंधी डाइलसिस के लिए गुजरात की हर तहसील में डाइलसिस सेंटर तथा कैंसर जैसे भयावह रोग के इलाज के लिए महत्वपूर्ण कीमोथेरापी की सुविधा के लिए जिला मुख्यालयों पर ही कीमोथेरापी केन्द्र शुरू किए गए हैं।

कार्यक्रम में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस के अध्यक्ष अभिजात सेठ, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रो. मीनू वाजपेयी, अपोलो अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नीरज लाल तथा चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत महानुभाव एवं डॉक्टर्स उपस्थित रहे।

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