75th anniversary of India-China relations: जानिये, दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने क्या कहा

भारत और चीन के शीर्ष नेतृत्व ने दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर शुभकामना संदेश आदान-प्रदान किए।

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75th anniversary of India-China relations: भारत और चीन के शीर्ष नेतृत्व ने दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर शुभकामना संदेश आदान-प्रदान किए। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने चीनी राष्ट्रपति को दिए अपने संदेश में कहा कि स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों और दुनिया के लिए लाभप्रद हैं। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संदेश में कहा कि चीन-भारत संबंधों का विकास दर्शाता है कि ‘ड्रैगन और हाथी’ के पास आपसी सफलता में भागीदार बनने और लाभप्रद आपसी सहयोग का एहसास करने का सही विकल्प है।

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने राष्ट्रपति शी और राष्ट्रपति मुर्मु तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समकक्ष ली किंआग के बीच आदान-प्रदान किए गए शुभकामना संदेश साझा किए हैं।

सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध दोनों और दुनिया के लिए लाभप्रद
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं। यह मानवता के एक तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध दोनों और दुनिया के लिए लाभप्रद हैं। हमें राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर का उपयोग करते हुए भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास की दिशा में काम के लिए करना चाहिए।

 आपसी विश्वास और आपसी लाभ के लि मिलकर करना चाहिए काम
वहीं राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों पक्षों को चीन-भारत संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना और संभालना चाहिए। दो बड़े पड़ोसी देशों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी विश्वास और आपसी लाभ तथा साझा विकास के लिए साथ मिलकर काम करने के तरीके तलाशने चाहिए। साथ ही संयुक्त रूप से बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को आगे बढ़ाना चाहिए।

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समकक्ष ली किंआग ने भी इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन दो प्राचीन संस्कृति और सभ्यताएं हैं। हमने मानव इतिहास को आकार देने और शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए अब एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति न केवल वैश्विक स्थिरता और समृद्धि में बल्कि एक बहुध्रुवीय दुनिया के उद्भव में भी योगदान देगी। राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में स्वस्थ और स्थिर विकास की अवधि में प्रवेश कर सकती है।

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चीन भारत के साथ काम करने को तैयार
चीन के प्रीमियर ली किंआग ने कहा कि चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को एक अवसर के रूप में लेते हुए प्रमुख मुद्दों पर भारत के साथ काम करने को तैयार है। इसमें रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाना, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान एवं सहयोग को बढ़ावा देना, सीमा मुद्दे का समुचित निपटारा करना, चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ और स्थिर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाना शामिल हैं।

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