जानिये, पीए मोदी के मन की खास बातें!

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कोरोना से जंग के साथ ही देश में उत्पन्न हुई अन्य चुनौतियों पर भी बात की। इसके साथ ही पीएम ने डिजिटल इंडिया और एक देश के रुप में भारत की बढ़ती ताकत तथा आत्मविश्वास पर भी प्रकाश डाला।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के 77 वें एपिसोड में मुख्य रुप से कोविड-19 संकट पर बात की। उन्होंने देश के कोने-कोने में ऑक्सीजन पहुंचाने वाले कोरोना वॉरियर्स से बातचीत की। पीएम ने भारतीय वायुसेना ग्रुप कैप्टन से भी बात की और उनकी बेटी का हालचाल भी जाना। इसके साथ ही कोविड-19 की टेस्टिंग में लैब टक्निशियन से उनका अनुभव जाना। साथ ही कृषि क्षेत्र की सफलतताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है।

  • खास बातें
    आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।
  • साथियों, इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है। कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं।
  • अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, इस पर हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है।
  • जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।
  • मुझे कितने ही देशवासियों के संदेश, उनके पत्र, देश के कोने-कोने से मिलते हैं। कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियां उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है।
  • आदिवासी इलाके से कुछ साथियों ने मुझे संदेश भेजा था कि सड़क बनने के बाद पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि वो भी बाकी दुनिया से जुड़ गए हैं। ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोजगार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है।
  • ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत घर मिलने के बाद गृहप्रवेश के आयोजन में कितने ही निमंत्रण मुझे हमारे देशवासियों की ओर से लगातार मिलते रहते हैं। इन 7 सालों में आप सबकी ऐसी करोड़ों खुशियों में, मैं शामिल हुआ हूं।
  • अभी कुछ दिन पहले ही मुझे गांव से एक परिवार ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत घर में लगे पानी के नल की एक फोटो भेजी। उन्होंने उस फोटो का कैप्शन लिखा था –‘मेरे गांव की जीवनधारा’।
  • आजादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के नल थे। लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें से 15 महीने तो कोरोना काल के ही थे ।
  • एक नया विश्वास देश में ‘आयुष्मान योजना’ से भी आया है। जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है। उसे भरोसा होता है कि देश उसके साथ है। ऐसे कितने ही परिवारों का आशीर्वचन, करोड़ों माताओं का आशीर्वाद लेकर हमारा देश मजबूती के साथ विकास की ओर अग्रसर है।
  • इन 7 सालों में भारत ने डिजिटल लेन देन’ में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में डिजिटल पेमेंट कर देते हैं, वो कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
  • आज स्वच्छता के प्रति देशवासियों की गंभीरता और सतर्कता बढ़ रही है। हम रिकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रिकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं।
  • इन 7 वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है
  • साथियों,क्या आपने सोचा है, ये सब काम जो दशकों में भी नहीं हो सके, इन 7 सालों में कैसे हुए ? ये सब इसीलिए संभव हुआ क्योंकि इन 7 सालों में हमने सरकार और जनता से ज्यादा एक देश के रूप में काम किया,एक टीम के रूप में काम किया,‘टीम इंडिया’के रूप में काम किया। हर नागरिक ने देश को आगे बढ़ाने में एकाध-एकाध कदम आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।
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  • जहां सफलताएं होती हैं, वहां परीक्षाएं भी होती हैं। इन 7 सालों में हमने साथ मिलकर ही कई कठिन परीक्षाएं भी दी हैं और हर बार हम सभी मजबूत होकर निकले हैं।
  • कोरोना महामारी के रूप में, इतनी बड़ी परीक्षा तो लगातार चल रही है। ये तो एक ऐसा संकट है, जिसने पूरी दुनिया को परेशान किया है, कितने ही लोगों ने अपनों को खोया है। बड़े-बड़े देश भी इसकी तबाही से बच नहीं सके हैं।
  • इस वैश्विक-महामारी के बीच भारत, ‘सेवा और सहयोग’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। हमने पहली वेव में भी पूरे हौसले के साथ लड़ाई लड़ी थी, इस बार भी वायरस के खिलाफ़ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा। ‘दो गज की दूरी’,मास्क से जुड़े नियम हों या फिर वैक्सीन, हमें ढिलाई नहीं करनी है। यही हमारी जीत का रास्ता है।
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