मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल में नेहरू म्यूजियम सहित बदले गए ये 9 नाम

मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 17 मई को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम कर दिया है।

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केंद्र की मोदी सरकार ने 30 मई 2023 को नौ वर्ष पूरे कर लिए। इन नौ वर्षों में इस सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके साथ ही कई ऐसे निर्णय भी लिए हैं, जिसके कारण वह विपक्ष के निशाने पर रही। इसी क्रम में मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 17 मई को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है। पार्टी ने मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि यह प्रतिशोध की राजनीति है।मोदी सरकार इससे पहले भी इस तरह के फैसले लेती रही है। केंद्र सरकार ने नौ वर्ष के अपने कार्यकाल में कई योजनाओं, स्थानों,जिलों और संग्रहालयों के नाम बदले हैं।

नौ साल में बदले नौ नाम
औरंगजेब का नाम बदलकर किया एपीजे अब्दुल कलाम
वर्षों से दिल्ली की एक रोड को औरंगजेब के नाम से जाना जाता था। लोग उसे औरंगजेब रोड के नाम से जानते थे। कांग्रेस और केंद्र की दूसरी सरकारों को इस पर कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन मोदी सरकार को यह नाम अखर गया। उसे स्वतंत्र भारत में देश की राजधानी की एक रोड का नाम किसी मुगल और हिंदू विरोधी राजा के ना पर होना पसंद नहीं आया। इसलिए उसने इस रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया।

गुड़गांव का बदलकर किया गुरुग्राम
हरियाणा में स्थित गुड़गांव शहर काफी जाना पहचाना नाम है। तेजी से विकसित होने वाले इस प्रदेश के शहर का ये नाम खट्टर सरकार को पसंद नहीं आया। उसने इसका नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की और केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद इसका नाम गुड़गांव से बदलकर गुरुग्राम रख दिया।

इलाहाबाद हो गया प्रयागराज
उत्तर प्रदेश में स्थित इलाहाबाद काफी लोकप्रिय नाम था। जवाहर लाल नेहरु के साथ ही अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों का इस शरह से वास्ता रहा है। प्रदेश की योगी सरकार को यह नाम पसंद नहीं आया और उसने इसका नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की। फिलहाल यह यह जिला प्रयागराज के नाम से जाना जाता है।

मुगलसराय हो गया दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन
मुगलसराय बिहार और उत्तर प्रदेश का बोर्डर जंक्शन है। काफी पहले से ये स्टेशन मुगलसराय के नाम से जान जाता था। लेकिन प्रदेश की योगी सरकार को यह नाम पसंद नहीं आया। उसे इससे परतंत्र भारत के दिन याद आते थे। आखिरकार 2018 में इसका नाम बदलकर प्रयाय राज कर दिया गया।

मुगल गार्डन हो गया अमृत उद्यान
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन हुआ करता था। जाहिर है कि यह नाम स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले से चला आ रहा था। यह नाम देश के मुगल साम्राज्य को याद दिलाता था। इसलिए मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया।

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रेस कोर्स हो गया लोक कल्याण रोड
दिल्ली रेस कोर्स का नाम मोदी सरकार के कार्यकाल में बदल दिया गया है। 2016 में केंद्र सरकार ने इसका नाम बदल दिया। अब उसे लोक कल्याण रोड के नाम से जाना जाता है।

योजना आयोग हो गया नीति आयोग
योजना आयोग देश के लिए पंचवर्षीय योजना बनाने का काम करता था। मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता की बागडोर संभालते ही इसका नाम बदल दिया। उसने इसे नीति आयोग कर दिया। सरकार का कहना था कि यह आयोग देश के लिए नीति निर्धारित करने का का का काम करता है। इसलिए यह नाम इसके काम के अनुसार सही है।

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