तिजोरी खाली होने का रोना रोनेवाली महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार की सच्चाई सामने आई है। इसके मंत्रियों के बंगलों पर 90 करोड़ रुपए खर्च करने का खुलासा हुआ है। यह रकम पिछले एक साल में खर्च की गई है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। कहा जा रहा है कि इन बंगलों की मरम्मत और अन्य कामों के लिए जितनी रकम मंजूर की गई थी, उससे काफी अधिक रकम खर्च की गई।
बंगलों के रखरखाव पर दरियादिली
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने यह खुलासा करते हुए कहा है कि जलसंपदा विभाग, नगरविकास और सार्वजनिक निर्माण विभाग के बंगलों पर सबसे ज्यादा रकम खर्च की गई। स्वास्थ्य विभाग में जो प्रावधान किया गया था, उसमें तो आधी रकम भी खर्च नहीं की गई लेकिन बंगलों के रखरखाव पर खूब दरियादिली दिखाई गई।
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मंत्रियों व ठेकेदारों की मिलाभगत
दरेकर ने सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य की परिस्थिति को देखते हुए पैसा कहां और कैसे खर्च करना है, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और मंत्रियों के बंगलों पर खुले हाथ पैसे लुटाए गए। उन्होंने इसमें मंत्रियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने फायदे के लिए इन बंगलों पर 90 करोड़ रुपए उड़ा दिए गए। बंगलों में इटालियन टाइल्स लगाए गए, कई बंगलों में तो महंगे फर्नीचर्स पर भी दिल खोलकर खर्च किए गए।
उपमुख्यमंत्री ने आरोप को गलत बताया
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस तरह के आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मंत्रियों के बंगलों पर 90 करोड़ खर्च किए जाने का आरोप गलत है। मैंने इसकी जानकारी ली है और मुझे नहीं मालूम कि 90 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का आंकड़ा कहां से मिला?