राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने से वहां का मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं हुआ है। मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आबादी का एक खास वर्ग आज भी ‘आजादी’ की भाषा बोलता है। वह नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। अपने हाल के कश्मीर दौरे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से वहां विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से पहले जम्मू-कश्मीर को आवंटित होने वाले करीब 80 प्रतिशत फंड स्थानीय राजनेता हड़प जाते थे। अब सरकारी योजनाओं का लाभ घाटी के लोगों तक सीधा पहुंचने लगा है।
आतंकी हमले में वृद्धि
कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकी हमले बढ़ गए हैं। सुरक्षाबल हर दूसरे दिन आतंकियों को मौत के घाट उतार रहे हैं लेकिन आतंकी पाकिस्तान के इशारे पर जान हथेली पर लेकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 16 अक्टूबर को उन्होंने एक यूपी और एक बिहार के मजदूर की हत्या कर दी।
आईएसआई ने बनाई 200 लोगों की लिस्ट
पिछले दिनों पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक होने की जानकारी मिली थी। बैठक में कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के षड्यंत्र रचे जाने का खुलासा भारतीय खुफिया एजेंसियों ने किया था।
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लिस्ट में इनके नाम शामिल
पीओके में हुई बैठक में 200 लोगों की लिस्ट जारी किए जाने की भी जानकारी मिली थी, जिनमें भरतीय जनता पार्टी और आएरएसएस से जुड़े लोगों के साथ ही कश्मीरी पंडित और गैर-कश्मीरी लोगों के नाम शामिल होने की जानकारी मिली है। लिस्ट में सरकार की नीतियों के पक्षधर पत्रकारों के साथ ही हिंदू संगठन से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल होने की जानकारी मिली है। बैठक के बाद आईएसआई के इशारे पर घाटी में एक बार फिर खूनखराबा कर अविश्वास और भय का माहौल पैदा करने का प्रयास शुरू हो गया है।