ACB: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले दिल्ली में सियासत गरमा गई है। 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं । इससे पहले ही अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शिकंजा कस दिया है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नेताओं ने हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि उनकी पार्टी के विधायकों को 15 करोड़ रुपए देने का लालच दिया गया है। ये कार्रवाई दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना की जांच के बाद की गई है।
एसीबी ने नोटिस में पूछे पांच सवाल
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने केजरीवाल से पांच सवालों के जवाब मांगने के लिए नोटिस भेजा है। ये सवाल हैं कि पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 6 फरवरी को अपने एक्स पोस्ट में आप विधायकों को 15 करोड़ रुपए ऑफर देने का आरोप लगाया था और यह कहा था कि भाजपा की तरफ से यह ऑफर आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह सवाल पूछा है कि वह पोस्ट अरविंद केजरीवाल ने की थी या नहीं।
दूसरा एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन 16 विधायकों की जानकारी भी मांगी है, जिन्हें रिश्वत के ऑफर वाले फोन कॉल्स आए थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने अरविंद केजरीवाल से उस शख्स की जानकारी मांगी है, जिसे कथित रूप से आप विधायकों को रिश्वत ऑफर करने के लिए फोन कॉल्स किए थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने केजरीवाल से सबूत भी मांगे हैं और नोटिस में कहा है कि आप और आपकी पार्टी के सदस्य द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किए गए रिश्वत के दावे के समर्थन करने के लिए सबूत पेश करें।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने केजरीवाल को दिए नोटिस में कहा कि वे बताएं कि मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो दिल्ली के लोगों में दहशत और अशांति की स्थिति पैदा करने के समान है।
आम आदमी पार्टी ने कही यह बात
आम आदमी पार्टी की कानूनी टीम के हेड संजीव नासिर ने कहा है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम नोटिस देकर वापस लौट गई है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि एंटी करप्शन ब्यूरो बिना किसी पूर्व नोटिस के बयान दर्ज करने पहुंची है। उन्होंने कहा कि 15 करोड़ वाले दावे पर उनके पास सबूत है। इससे पहले दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उप राज्यपाल बीके सक्सेना द्वारा जांच के आदेश के बाद अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची। लेकिन केजरीवाल ने उन्हें घर में आने नहीं दिया। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उन्हें नोटिस देकर वापस लौट गई।