छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे भोसले ने 27 मई को 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अपने वचन का पालन न करने का आरोप लगाया है।
छत्रपति संभाजी राजे ने 27 मई को मुंबई में पत्रकारों को बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाडी सरकार की ओर से शिवसेना समर्थित उम्मीदवार बनने का आफर दिया था। लेकिन बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने के लिए कहा, जिसके लिए मैं तैयार नहीं हुआ।
संभाजी राजे ने बताया कि उन्होंने सभी दलों के विधायकों को पत्र लिखा था और वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा सदस्य बनना चाहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री का सम्मान रखते हुए वे महाविकास आघाड़ी सरकार की ओर से शिवसेना समर्थित उम्मीदवार बनने के लिए तैयार हो गए थे। लेकिन जब उन्हें शिवसेना में शामिल होने को कहा गया तो उन्होंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया।
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विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना
संभाजी राजे ने कहा कि अगर वे चुनाव लड़ते तो चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना को नकारा नहीं जा सकता था, इसी वजह से उन्होंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया। अब वे स्वराज्य संगठन के माध्यम से जनता की सेवा करेंगे और उन्हें संगठित करने का प्रयास करेंगे।