BJP New President: लोकसभा नतीजों के बाद भाजपा में होगा बड़ा फेरबदल, जानिए कौन संभालेगा पार्टी की कमान

अठारहवीं लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए आज सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके बाद 4 जून को वोटों की गिनती होगी।

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वंदना बर्वे
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की कमान नए अध्यक्ष (New President) को सौंपी जाएगी, इसकी चर्चा दबी हुई जुबान से शुरू हो गई है। नए अध्यक्ष के तौर पर जिन लोगों की चर्चा चल रही है उनमें सबसे पहले हैं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Former Chief Minister Manohar Lal Khattar)। इसके अलावा भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) भी अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

अठारहवीं लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए आज सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके बाद 4 जून को वोटों की गिनती होगी। भारतीय जनता पार्टी को 400 से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है। इसलिए, इंडी गठबंधन को भी झटका लगने की उम्मीद है।

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पार्टी में होगा बड़ा फेरबदल
लोकसभा चुनाव और सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी होते ही भारतीय जनता पार्टी की कमान नए अध्यक्ष को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी में बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल छह महीने पहले ही खत्म हो गया था। हालांकि, उनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव के अंत तक बढ़ा दिया गया था। अब केंद्र सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संभावना है कि नए अध्यक्ष का चुनाव हो जायेगा।

अमित शाह भी दोबारा पार्टी की कमान संभाल सकते हैं
भाजपा अध्यक्ष पद के लिए इस वक्त दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। इसमें सबसे पहला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का है। दूसरा नाम भूपेद्र यादव है। गृह मंत्री अमित शाह भी दोबारा पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। इसके अलावा ऐसी भी चर्चा है कि नए अध्यक्ष पद एक बार फिर किसी मराठी व्यक्ति के हाथ में जा सकता है।

हालांकि, नए अध्यक्ष का चुनाव काफी हद तक लोकसभा चुनाव के नतीजे पर निर्भर करता है। अगर भाजपा अपने दम पर 300 सीटें हासिल कर लेती है तो पार्टी की कमान मनोहर लाल खट्टर को सौंपी जा सकती है। अगर भाजपा को 270 सीटें या उससे कम सीटें मिलती हैं तो भूपेन्द्र यादव के नाम पर विचार किया जा सकता है और अगर हालात ज्यादा खराब हुए तो अमित शाह पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। लेकिन ये सब 4 जून को आने वाले चुनाव नतीजों पर निर्भर करेगा।

भूपेन्द्र यादव इस काम में माहिर हैं
मनोहर लाल खट्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। अगर भाजपा 300 तक पहुंची तो खट्टर चुने जाएंगे। लेकिन 270 सीटें या उससे कम आईं तो भूपेन्द्र यादव चुने जायेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि पार्टी के वर्तमान और पूर्व घटकों के साथ बातचीत करने या सहमति बनाने के लिए एक राजनयिक नेता की आवश्यकता होती है। भूपेन्द्र यादव इस काम में माहिर हैं। इससे वे मजबूत दावेदार बन जायेंगे। खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव लड़ना भी उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यदि चुनाव परिणाम अपेक्षाकृत कम रहे तो भूपेन्द्र यादव को उदारवादी राह अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

नितिन गडकरी की कमी खल रही
भूपेन्द्र यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी हैं। पिछले कुछ समय से भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेता अपने करीबियों को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि भविष्य में वे उनके पक्ष में फैसले ले सकें। यह लोकसभा चुनाव भाजपा की भविष्य की राजनीति को भी बदल देगा। मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी की कमी खल रही है। इस चुनाव में गडकरी ने ज्यादा प्रचार नहीं किया है। अब सबकी निगाहें नागपुर के नतीजे पर हैं।

भाजपा नेता पीएम मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जून की शाम तक कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में तपस्या में लीन रहेंगे। दिल्ली लौटने पर जाहिर तौर पर वह चुनाव का जायजा लेंगे और फिर संगठन पर चर्चा करेंगे। क्योंकि आज की स्थिति में पार्टी पर उनका पूरा नियंत्रण है। पूरा संगठन बिना एक भी सवाल पूछे उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। (BJP New President)

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