West Bengal: सात मांगें मान लीं, बाकी तीन …! डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद ममता सरकार ने कहा

13 अक्टूबर को मुख्य सचिव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अन्य डॉक्टर संगठनों को बैठक के लिए आमंत्रण भेजा था। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, स्वास्थ्य निदेशक और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक भी उपस्थित थे लेकिन स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम की अनुपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया।

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West Bengal के मुख्य सचिव मनोज पंत(Chief Secretary Manoj Pant) के साथ जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर चर्चा(Discussion on the demands of junior doctors) के लिए 14 अक्टूबर को स्वास्थ्य भवन में बैठक(Meeting in Health Bhawan) हुई। मुख्य सचिव ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों(Junior Doctors) की दस मांगों में से सात पर प्रगति हुई है। शेष तीन मांगों के लिए कोई निश्चित समयसीमा देना फिलहाल संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “इन मुद्दों पर ‘टाइमलाइन’ देना कठिन है लेकिन हम सुधार की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।”

आंदोलनकारी डॉक्टर की मांग
13 अक्टूबर को मुख्य सचिव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(Indian Medical Association) और अन्य डॉक्टर संगठनों को बैठक के लिए आमंत्रण भेजा था। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, स्वास्थ्य निदेशक और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक भी उपस्थित थे लेकिन स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम की अनुपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया। आंदोलनकारी डॉक्टर निगम को पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं और उनकी अनुपस्थिति को इस मुद्दे से जोड़ा जा रहा है।

12 डॉक्टर संगठनों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
बैठक में 12 डॉक्टर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें प्रत्येक संगठन से दो-दो प्रतिनिधि शामिल थे। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग उठाने के साथ-साथ दक्षिण कोलकाता के एक पूजा मंडप से गिरफ्तार किए गए नौ आंदोलनकारियों का मुद्दा भी उठाया। साथ ही, उन्होंने तृणमूल के विधायक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर-नेता सुदीप्त राय को भी पद से हटाने की मांग की। इस पर प्रशासन ने जवाब दिया कि चुने हुए प्रतिनिधि को इस तरह से हटाना संभव नहीं है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर पर आपत्ति
बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उनकी गंभीर आपत्ति है। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “भ्रष्ट लोग अब भी स्वास्थ्य प्रशासन के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं और पुलिस की भूमिका भी चिंताजनक रही है। ऐसे में हालात सामान्य करना मुश्किल है।”

स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड में भ्रष्टाचार का आरोप
डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड और राज्य मेडिकल काउंसिल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए और धर्मतला में अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की सेहत को लेकर चिंता जताई। वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष कौशिक चाकी ने बैठक के बाद कहा, “मैंने मुख्य सचिव से कहा कि वातानुकूलित कमरे में चर्चा करने की बजाय अनशन मंच पर चलें। ऐसा लगता है कि सरकार के लिए मुद्दे अहम हैं लेकिन हमारे साथी डॉक्टरों का जीवन नहीं।”

छात्र संघ चुनाव को लेकर भी चर्चा
बैठक के दौरान मेडिकल कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें मुख्य सचिव ने चुनाव कराने का आश्वासन दिया। बैठक लगभग ढाई घंटे चली, और मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने सभी पक्षों की बातें सुनी हैं और उन्हें दर्ज किया है।

मुख्य सचिव ने डॉक्टरों से ‘द्रोह के कार्निवल’ में शामिल न होने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है और उनसे अनशन समाप्त कर काम पर लौटने की अपील की।

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गौरतलब है कि 14 अक्टूबर को कोलकाता में दुर्गा पूजा का कार्निवल आयोजित होगा लेकिन डॉक्टरों के संयुक्त संगठन जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स ने उसी दिन ‘द्रोह का कार्निवल’ आयोजित करने की घोषणा की है।

मुख्य सचिव को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक सामान्य स्थिति की उम्मीद करना व्यर्थ है।

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