अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीरी युवाओं के सपनों को पंख लग गए हैं । राष्ट्र निर्माण में अब उनका योगदान किसी से कम नहीं होगा। क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लोग अब अपनी इच्छा के अनुसार स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जी रहे हैं। यह बातें जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही।
सिन्हा ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और अलगाववादियों के हमलों के कारण स्कूल, कॉलेज और व्यवसाय साल में लगभग 150 दिन बंद रहते थे। लेकिन अब यहां की स्थिति बदल गयी है। अब सड़कों पर हिंसा की वारदातें खत्म हो गयी हैं। यह बदलाव जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कारण ही आया है। सिन्हा ने कहा कि कश्मीर के युवा अब देर रात तक बाहर निकलना पसंद करते हैं। श्रीनगर में झेलम नदी के किनारे और हाल ही में ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत पुनर्निर्मित ‘पोलो व्यू मार्केट’ में आप भयमुक्त होकर घूम सकते हैं।
गौरतलब हो कि 5 अगस्त 2019 को नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और अनुच्छेद 35ए को खत्म कर जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था ।
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