भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन बैठक सोमवार को संपन्न हो गई। यह बैठक 15 और 16 मई को अहमदाबाद जिले के बावला में आयोजित की गई थी। बैठक में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विशेष रूप से भाग लिया। प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, सह प्रभारी एवं सांसद सुधीर गुप्ता उपस्थित थे।
राज्य महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला और राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि इस बैठक में आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस चिंतन बैठक में सभी संगठनात्मक तैयारियां, आगामी कार्यक्रम और रणनीतियां पर चर्चा की गई। नए मतदाता जुड़ाव, बूथ सह-बैठक, शक्ति केंद्र की बैठकें, पृष्ठ समिति गठन आदि पर चर्चा की गई।
इसी वर्ष होना है विधानसभा चुनाव
दोनों नेताओं ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस साल गुजरात विधानसभा चुनाव हैं और इस विचारणीय बैठक में भारी बहुमत से चुनाव जीतने की रणनीति पर चर्चा की गई है। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव देश के 2024 लोकसभा चुनावों की नींव हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और संगठन किसी भी चुनाव को हल्के या सहज रूप से नहीं लेते हैं, वे केवल जीतने के लिए काम करते हैं। गुजरात को अतीत में देखें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात को सुरक्षित गुजरात बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम सूक्ष्म योजना बनाकर और अगले चुनाव में इसे बड़ी जीत में बदल कर एक अखंड गुजरात बनाएंगे।
नेताओं ने कही ये बात
दोनों नेताओं ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले देश निराशा में डूबा हुआ था और ऐसे समय में जब चारों तरफ भ्रष्टाचार का उफान था, देश के 130 करोड़ लोगों ने नरेन्द्र मोदी पर भरोसा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस समय गुजरात या देश में कहीं भी नजर नहीं आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी 2014 से भारत को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, भारत के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और देश को पुरानी समस्याओं से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, चाहे अनुच्छेद 370 हो, ट्रिपल तलाक का कानून हो, राम मंदिर का मामला हो।
बूथ को मैनेज करने की चर्चा
राज्य महासचिव वाघेला और शिक्षा मंत्री वाघानी ने आगे कहा कि हमें अपने बूथ को अपनी कार्यप्रणाली से मैनेज करना है और राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर अति सूक्ष्म योजना बनाकर चुनाव की तैयारी करनी है।