महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे एक अनुभवी राजनेता बन गए हैं, जिन्होंने तीन साल में तीन बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2019 में उन्होंने पहले देवेन्द्र फडणवीस, फिर उद्धव ठाकरे और अब एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार है कि वर्तमान में राज्य में दो उपमुख्यमंत्री हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ है, जब प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री बने हैं।
अजीत पवार के आवास पर बैठक
2 जुलाई की सुबह अजीत पवार के सरकारी बंगले देवगिरी बंगले पर एनसीपी विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले को भी आमंत्रित किया गया था। अजीत पवार ने बताया कि वे शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि बैठक में शामिल दिलीप वलसे पाटील, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, धनंजय मुंडे, छगन भुजबल और अदिति तटकरे को छोड़कर किसी भी विधायक को इसकी जानकारी नहीं थी।
सुप्रिया सुले ने की समझाने की कोशिश
अजीत पवार ने जब अपने फैसले की जानकारी सुप्रिया सुले को दी तो वे हैरान रह गईं। वे तुरंत बैठक से बाहर चली गईं और सारी बातें शरद पवार को बताईं। इसके बाद उन्होंने दोबारा बैठक में हिस्सा लिया और अजीत पवार और उनके समर्थक विधायकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन, वे उनका मन बदलने में असफल रहे। उसके बाद सुप्रिया सुले देवगिरी बंगले से चली गईं।
समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचे अजीत पवार
इसके बाद अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे। इससे पहले बीजेपी के मंत्री और वरिष्ठ नेता राजभवन पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राजभवन में प्रवेश के बाद शिंदे-फडणवीस और पवार ने राज्यपाल रमेश बैस के साथ बैठक की। इसके बाद महज 15 मिनट में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो गया।