Ajit Pawar: बारामती में चंद्रकांत पाटिल द्वारा दिए गए बयान से अजित पवार नाराज, जानें क्या हुआ?

बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार ने लोकसभा में हार के कारण बताते हुए हार की जिम्मेदारी ली।

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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में मिली करारी हार के बाद एनसीपी (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने गुरुवार (6 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) की शरद पवार (Sharad Pawar) से नाराजगी जाहिर की। राष्ट्रवादी कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी अजित पवार ने ली है। चुनाव नतीजे आने के बाद अजित पवार ने गुरुवार को मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) की बैठक की और फिर शाम को विधायक दल (Legislative Party) की बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को अच्छी सीटें मिली हैं, उन्हें 50% सीटें मिली हैं। एनडीए के खराब प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि महाराष्ट्र में पार्टियां टूटी हैं। 1978 में भी इसी तरह से पार्टियां टूटी थीं, तब भी महाराष्ट्र को यह पता था। इसीलिए जब भी हार होती है तो लोग कहते हैं कि हार का कारण यही है।

चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि बारामती में शरद पवार की हार हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। गुरुवार (6 जून) को अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नाराजगी जाहिर की। चंद्रकांत पाटिल का वह बयान हमें बहुत महंगा पड़ा। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह भी स्वीकार किया है कि बारामती के लोगों को बारामती आकर शरद पवार को उखाड़ फेंकने का विचार पसंद नहीं आया।

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अजित पवार को बड़ा झटका
बारामती सीट पर सुप्रिया सुले ने करीब डेढ़ लाख वोटों से जीत हासिल की है, जबकि सुनेत्रा पवार को करारी हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में चुनाव लड़ी गई 4 सीटों में से रायगढ़ को छोड़कर एनसीपी को 3 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। बारामती की हार अजित पवार के लिए बड़ा झटका मन जा रहा है। क्योंकि पार्टी विभाजन के बाद यह उनका पहला चुनाव था और अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसका अहसास चुनाव में हो सकता है।

…हालांकि, लोगों की राय तो माननी ही पड़ेगी
लोकसभा नतीजों के बाद अजित पवार मीडिया के सामने नहीं आए। वह दिल्ली में एनडीए की बैठक में भी नहीं गये। दो दिन बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों से जुड़े कई मुद्दों पर टिप्पणी की। इसमें भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल का मुद्दा भी उठाया गया। बारामती के लोगों ने हमारा भरपूर समर्थन किया। लेकिन इस बार पता नहीं हम कहां चूक गए। फिर भी जनता की राय तो माननी ही पड़ेगी। विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि वे महागठबंधन के प्रमुख से चर्चा करेंगे।

चंद्रकांत पाटिल के बयान का असर हुआ
महायुति ने बारामती लोकसभा क्षेत्र में बैठकें कीं। उस समय एक बैठक में चंद्रकांत पाटिल ने बयान दिया था कि शरद पवार को बारामती से उखाड़ फेंका जाएगा और राजनीति से बाहर कर दिया जाएगा। चंद्रकांत पाटिल के इस बयान का राज्य में गहरा असर हुआ। तब भी अजित पवार ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह मुद्दा उठाया गया। उन्होंने माना कि बारामती के लोग कभी भी यह पसंद नहीं करेंगे कि बारामती आकर कहें कि हम शरद पवार को उखाड़ फेंकेंगे।

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