विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले जिम्मेदार हैं। नाना पटोले ने विधानसभा अध्यक्ष का इस्तीफा देते समय महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दलों को विश्वास में नहीं लिया था। इस्तीफा देने के बाद पटोले ने इसकी जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित अन्य नेताओं को दी थी।
अजीत पवार ने 12 मई को पुणे में पत्रकारों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सभी को सबक लेना चाहिए। इस फैसले में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था, इसलिए पूर्व स्थिति बरकरार नहीं रखी जा सकती है। अजीत पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर कई बार चर्चा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि नाना पटोले को विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था। नाना पटोले के इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष पद काफी समय तक रिक्त रखा गया था। अगर नाना पटोले अध्यक्ष पद पर रहते तो वे तत्काल 16 विधायकों को निलंबित कर देते, तो मामला यहां पहुंचता ही नहीं। अजीत पवार ने कहा कि वर्तमान समय में दलबदल कानून बेमतलब साबित हो रहा है। इसी वजह से देश में कई जगहों पर इस तरह की घटना हो रही है।
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दूसरी ओर, महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने ठाणे जिले में 12 मई को पत्रकारों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भ्रम फैलाने वाला है। कोर्ट ने सारी प्रक्रिया को गलत बताया है और यह भी कहा है उद्धव ठाकरे को इस्तीफा नहीं देना चाहिए था। राज ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना अध्यक्ष को मान्यता दी है, जबकि चुनाव आयोग अलग निर्णय ले चुका है। चुनाव आयोग भी स्वतंत्र संस्थान है और सुप्रीम कोर्ट भी। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के बारे में कोई भी बयान देने से मना कर दिया। राज ठाकरे ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे सावधान रहते, तो यह स्थिति उत्पन्न न होती।
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