कार्तिक नवरात्रि का नौंवा दिन है, चहुंओर हवन और दशमी की तैयारी शुरू है। इस बीच भारत के नेता राम नवमी की मंगलकामनाओं के गुण गाने लगे हैं। जिसके बाद यह एक मुद्दा बन गया और राजनीतिक अखाड़े में इसे विपक्षी दल अपने-अपने रंग से रंगने लगा। ट्वीट करनेवाले ये नेता हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा।
मंगलकामनाओं का ट्वीट दोनों नेताओं को तीर के रूप में लगा है, इसका कारण है रामनवमी और महानवमी का अंतर न समझना।
♦ शारदीय (अश्विन मास) नवरात्रि की नवमी को देवी सिद्धिदात्रि की पूजा होती है, और उसके अगले दिन दशहरा मनाया जाता है। यानि दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त किया था।
♦ चैत्र नवरात्रि की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान राम प्राकट्य हुआ था। इस दिन हिंदू धर्म में रामनवमी की शुभकमानओं का होता है।
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अखिलेश और शर्मा पर मंगल भी भारी
अखिलेश ने रामनवमी की शुभकामना दी तो वे सीधे भाजपा के निशान पर आ गए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे सीधे कारसेवकों पर गोली चलवाने की घटना से जोड़ दिया।
जिन लोगों ने श्री राम भक्तों पर गोली चलायी थी …आज चुनावी डर से प्रभु श्री राम उनके सपनो में भी आने लगें है …आज वो राम नवमी की बधाई दें रहें है ..बधाई हो ..
— Sambit Patra (@sambitswaraj) October 14, 2021
जैसे ही अखिलेश ट्रोल होने शुरू हुए, उन्होंने अपनी गलती सुधारी और रामनवमी का ट्वीट हटाकर महानवमी की मंगलकामनाओं वाला नया ट्वीट कर दिया।
आपको और आपके परिवार को महानवमी की अनंत मंगलकामनाएं!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 14, 2021
इसके बाद तो आनंद शर्मा ने भी अपना ट्वीट हटाकर नया महानवमी का ट्वीट कर दिया।
महानवमी के शुभअवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) October 14, 2021
वैसे, नेताओं की गलतियां कोई नई नहीं है। इसके पहले कांग्रेस के केरल से सांसद शशि थरूर ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के स्वास्थ्य (निधन) को लेकर संवेदना व्यक्त की थी। जबकि, ताई (सुमित्रा महाजन) इंदौर में भली चंगी थीं।
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