मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजम खान बाहर आएं, यह अखिलेश यादव भी नहीं चाहते हैं। क्योंकि आजम खान के बाहर आने से अखिलेश यादव की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। दूसरी बात यह कि अखिलेश से पूछा जाना चाहिए कि यह जो आजम खान हों या अन्य लोगों के मामले, यह सब न्यायालय से जुड़े मामले हैं। इनका राज्य सरकार से आज के दिन कोई लेना देना नहीं है। जमानत देने का काम न्यायालय का है। सरकार का नहीं है। राज्य सरकार से पूछा जाता है तो राज्य सरकार उसका सही जवाब देती है। सही तथ्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए जाते हैं। इसलिए इसे राज्य सरकार के साथ जोड़ना गलत है।
पूर्व की सपा सरकार पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 फरवरी को एक ट्वीट में कहा कि एक करोड़ युवाओं को हम लोग टेबलेट और स्मार्टफोन दे रहे हैं। दो लाख कन्याओं का विवाह कराया गया है। एक करोड़ गरीबों को वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन दे रहे हैं। कनेक्टिविटी बेहतर की जा रही है। यह पैसा पहले कहां जाता था। क्या यह सच नहीं है कि यही गरीबों का पैसा, यही विकास का पैसा, उनके इत्र वाले मित्र के पास जा रहा था। आज जब जांच एजेंसियों ने जांच कर के सामने लाने का काम किया है, उन्हें पीड़ा हो रही है।
एजेंसियां कर रही हैं अपना काम
इत्र वाला मित्र प्रदेश को दीमक की तरह खत्म कर रहा था। गरीब मर रहा था किसान आत्महत्या कर रहा था और इनके इत्र वाले मित्र मालामाल उत्तर प्रदेश की कमाई को विदेशों में ठिकाने लगा रहे थे। एजेंसियों अपना काम कर रही है। काली कमाई को सरकार के खजाने में फिर से जमा करेंगी। उस पर कार्रवाई चुनाव के पहले भी हो रही थी। बाद में भी होगी। जांच एजेंसियां लगातार काम करती हैं। इसे चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।