समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अवैध खनन मामले (Illegal Mining Case) में पूछताछ के लिए सीबीआई (CBI) ने दिल्ली (Delhi) बुलाया है। सीबीआई ने गवाह के तौर पर फाइल में अखिलेश यादव का नाम दर्ज किया है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव गुरुवार (29 फरवरी) को दिल्ली नहीं जाएंगे और सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे।
उधर, अखिलेश यादव ने पूछताछ के लिए दिल्ली जाने में असमर्थता जताई है। उन्होंने कहा कि हालांकि सीधी बैठक नहीं होगी, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होऊंगा। ऐसा जवाब उन्होंने सीबीआई को भेजा है।
"यह कोई पहली बार सीबीआई नहीं बुला रही है, याद करो नेताजी और हमारे परिवार को कितने दिन सीबीआई के अंडर रहना पड़ा। अगर आप राजनीति कर रहे हैं और PDA के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं तो इन सब चीजों का सामना करना पड़ेगा।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/e6v2nqmeMd
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 29, 2024
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मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी
इसके अलावा अखिलेश ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन पिछले पांच साल में इस मामले में कोई जानकारी नहीं ली गई। अब अचानक लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई ने नोटिस भेजा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस जांच में सहयोग करेंगे।
आखिरकार मामला क्या है?
2012-13 में मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव के पास गौण खनिज खाता था। उस समय अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगे थे। 2016 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू की गई। इसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया था। इतना ही नहीं, अखिलेश यादव सरकार में कई जिलों की डीएम रहीं बी चंद्रकला पर भी आरोप लगे और उनसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी भी हुई।
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