हिजाब विवाद के बीच ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्कूलों में यूनिफॉर्म लागू करने की मांग की है। एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है कि सभी शैक्षणिक संस्थान धार्मिक संस्थान नहीं हैं। मुस्लिम मदरसों में नकाब और हिजाब की अनुमति है, लेकिन सामान्य धर्मनिरपेक्ष शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा नहीं है।
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व मुस्लिम छात्रों को निर्धारित धर्मनिरपेक्ष ड्रेसकोड के स्थान पर नकाब, हिजाब, बुर्का पहनने के लिए गुमराह कर रहे हैं और शिक्षण संस्थानों में धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
ड्रेस कोड नियम का हो पालान
उन्होंने बताया कि कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में जो हालत बने हैं, वो गलत सूचना का आधार है। देश एक महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है, जहां असामाजिक तत्व देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। विशेष रूप से इस दौरान किसी को भी भारत में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या नकाब का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और शैक्षणिक संस्थानों की ड्रेसकोड का धर्मनिरपेक्ष संस्थानों के छात्रों द्वारा सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
यहां से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि हिजाब का विरोध पिछले महीने तब शुरू हुआ, जब कर्नाटक के उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज में कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षा में जाने से रोक दिया गया है। विरोध के दौरान कुछ छात्राओं ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनकर कक्षा के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।