लंबे लॉकडाउन के बाद शुरू हुए मिशन बिगिन में महाराष्ट्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 दिशानिर्देशों में छूट दी है। दारू के दर खुल गए थे परंतु, देव का दर अब खुला है। इस बीच स्कूली घंटा बजने के तीसरे दिन महाविकास आघाड़ी सरकार के घटक दलों ने ‘शट डाउन’ का घंटा बजा दिया है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड को लेकर राजनीति महाराष्ट्र में भी शुरू है। महाविकास आघाड़ी के नेता उस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी की लगातार आलोचना करते रहे हैं। अब उसके विरोध में राज्य सरकार के तीनों दलों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। कैबिनेट में चर्चा के बाद इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है। अब 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया है।
आघाड़ी का आह्वान
लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी काफी आक्रामक हो गए हैं। साथ ही देश भर के कांग्रेस नेता मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस ने उस घटना के विरोध में महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था। अब उसे शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। तीनों पार्टियों ने 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद कर यूपी के लखीमपुर की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
कैबिनेट बैठक में फैसला
बंद का आह्वान कथित रुप से किसानों की हत्या के विरोध में किया गया है। हालांकि उस कांड में चार किसानों के साथ ही चार भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए हैं। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि कैबिनेट बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।
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किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास
6 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में हिंसा पर खेद जताया गया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। आघाड़ी सरकार ने कहा कि यह किसानों के आंदोलन को कुचलने की भाजपा की चाल है। आरोपितों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसलिए महाविकास आघाड़ी के तीनों दल केंद्र सरकार की भूमिका का विरोध करेंगे।