संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क पहुंच रहे हैं। यहीं पर संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय है। परंतु, इस बार न्यूयॉर्क में कोरोना प्रोटोकाल लागू है। ऐसे में टीकाकरण न करवाने वाले विदेशी यात्रियों के प्रवेश पर रोक है। इससे बड़ी समस्या उन राष्ट्राध्यक्षों के लिए खड़ी हो गई है जिन्होंने कोविड-19 टीकाकरण नहीं करवाया है।
कोविड-19 प्रोटोकाल में कोई भी देश ढिलाई नहीं बरत रहा है। यहां तक की संक्रमण को देश से दूर रखने के लिए कई देशों ने पर्यटकों और उद्योग धंधे से संबंधित की आवाजाही पर भी रोक लगा दिया था। परंतु, संयुक्त राष्ट्र महासभा में सम्मिलित होने के लिए आनेवाले राष्ट्राध्यक्षों को संयुक्त राष्ट्र का वह कानून राहत देगा, जो अमेरिकी कानून से मुक्ति दिलाता है।
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गठन के समय ही लिया गया था निर्णय
- 24 अक्टूबर, 1945 को जब संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ और उसका मुख्यालय न्यूयॉर्क बनाया गया तो उसे स्थानीय कानून से मुक्त रखा गया। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों ने ऐसे कानून बनाए जो सभी देशों के लिए बाध्य हैं और उसमें से एक कानून राष्ट्रों को विशेषाधिकार देता है।
- 1946 के जनरल कन्वेंशन ऑन दी प्रिविलेज एंड इम्यूनिटी ऑफ दी यूएन के आर्ट 11(डी) के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में हिस्सा लेनेवाले राष्ट्राध्यक्षों को आयोजक देश द्वारा विदा देना अनिवार्य होगा, इसके अलावा इमिग्रेशन के नियम से भी छूट मिलेगी।