चीन की धमकियों को बेअसर साबित कर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी मंगलवार को ताइवान पहुंच गयीं। अमेरिकी सेना और ताइवानी सुरक्षा दस्ते की मुस्तैदी के बीच पेलोसी का विमान ताइवान में उतरा तो चीन ने एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी दी।
कर दिया साइबर अटैक
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी एशियाई देशों की यात्रा पर हैं। मंगलवार को उनका विशेष सैन्य विमान सी-40सी जैसे-जैसे ताइवान की ओर बढ़ रहा था, चीन की सक्रियता भी बढ़ती रही। नैंसी पेलोसी के पहुंचने से पहले ही ताइवान पर एक बड़ा साइबर हमला किया गया। ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन की आधिकारिक वेबसाइट हैक कर ली गयी। उक्त साइट खोलने पर पहली स्क्रीन पर सिर्फ ओके लिखकर आ रहा था। अन्य सरकारी वेबसाइट्स भी हैक हो चुकी थीं। उनका यूआरएल लिखने पर स्क्रीन पर एरर दिख रहा था।
मंडरा रहे युद्धक विमान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि पेलोसी ताइवान पहुंचीं तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) चुपचाप नहीं बैठेगी। चीन ने इस संबंध में अमेरिका को कड़ा विरोध पत्र भेजा। इसके बाद भी जब नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने की जानकारी मिली तो चीन ने अपने चार युद्धक विमान ताइवान के नजदीक भेज दिए।
Our visit reiterates that America stands with Taiwan: a robust, vibrant democracy and our important partner in the Indo-Pacific. pic.twitter.com/2sSRJXN6ST
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) August 2, 2022
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चीन को सबक सिखाने की तैयारी
ऐसे में चीन के हमले की आशंका देखते हुए ताइवान ने भी अपनी सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया। अमेरिका ने भी ताइवान के पास तैनात अपने युद्धपोत को सक्रिय कर दिया था। अमेरिकी वायुसेना को आदेश मिल गए थे कि यदि पेलोसी के विमान पर कोई चीनी हमला होता है तो वह फायरिंग कर सकते हैं। ताइवान ने अपने कई सैन्य अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दीं। अमेरिका व ताइवान की इन तैयारियों के बीच जब पेलोसी का विमान ताइवान पहुंचा, तो सुरक्षा कारणों से हवाई अड्डे पर अंधेरा छाया था। उनके ताइवान पहुंचने के बाद एक बार फिर चीन का बयान आया। चीन ने पेलोसी के दौरे को उकसाने वाली कार्रवाई करार दिया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ताइवान पहुंच कर पेलोसी व उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल का एक साझा बयान भी आया है। इस बयान में कहा गया है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष का यह पिछले 25 साल में पहला ताइवान दौरा है।