Nepal के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’(Prime Minister Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’) ने संसद से चौथी बार विश्वास का मत हासिल(Won vote of confidence for the fourth time) किया है। विपक्षी दलों(opposition parties) के हंगामें और नारेबाजी(uproar and sloganeering) के बीच प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास का मत हासिल किया है।
प्रधानमंत्री के पक्ष में 157 सांसदों ने किया मतदान
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहल बीच स्पीकर देवराज घिमिरे ने मत विभाजन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई। प्रधानमंत्री के पक्ष में 157 सांसदों ने मतदान किया। मतदान की प्रक्रिया में कुल 158 सांसदों ने हिस्सा लिया था। एक सांसद तटस्थ रहा, जबकि विपक्षी दलों में नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने मतदान प्रकिया का बहिष्कार किया।
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इन दलों ने किया समर्थन
प्रधानमंत्री प्रचंड के पक्ष में मतदान करने वालों में उनकी पार्टी माओवादी के 32, नेकपा एमाले के 75, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21, एकीकृत समाजवादी पार्टी के 10, जनमत पार्टी के 6, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 सहित कुछ अन्य छोटे दलों के सांसद शामिल हैं।
चीन की ओर झुकाव
बता दें कि प्रचंड का झुकाव चीन की ओर ज्यादा रहने से उनका पांचवी बार बहुमत प्राप्त करना भारत के हित में नहीं है।नेपाल धीरे-धीरे चीन के चंगुल में फंसता जा रहा है। भविष्य में नेपाल को पाकिस्तान और श्री लंका जैसे आर्थिक संकट से गुजरना पड़ सकता है।