केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा है कि देश में ऐसा पहली बार है, जब कोई राज्य सरकार आदिवासियों को जंगल का मालिक बना रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का यह कदम अनुकरणीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो विचारधारा है कि, गरीब से गरीब को अधिकार मिले, उस स्वप्न को शिवराज सिंह साकार करने का काम कर रहे हैं।
तब तक नहीं होगा राज्य का कल्याण
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह शुक्रवार को भोपाल प्रवास के दौरान यहां जम्बूरी मैदान में आयोजित वन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मप्र में वन ग्राम को राजस्व ग्राम बनाना बड़ा फैसला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आदिवासियों को समृद्ध बना रहे हैं। मध्यप्रदेश में 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की आबादी रहती है। जब तक जनजाती भाइयों-बहनों का कल्याण नहीं होता, प्रदेश का कल्याण नहीं होता। पहली बार जंगल से जो भी कमाई होती है, इसका 20 प्रतिशत हिस्सा वन समिति के हाथ में सौंपकर आपको इसका सीधा मालिक बनाने का काम किया है। आज एक ही बार में 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों को परिवर्तन किया है।
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तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस की राशि वितरित
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘वन समितियों का सम्मेलन’ में हितग्राहियों को तेंदूपत्ता के लाभांश का वितरण किया। केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा मध्यप्रदेश के 26 जिलों में स्थित 28 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के निर्णय की प्रक्रिया का शुभारंभ रिमोट के माध्यम से किया गया।
जल जंगल आपके
इससे पूर्व कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये जल, जमीन, जंगल आपके हैं। अब जंगल आप ही बचाओगे। जंगल आपको सौंप दिए गए हैं, वन विभाग सिर्फ सहयोग करेगा। जंगल की लकड़ी जितने में बिकेगी, उसका 20 फीसदी आदिवासियों को मिलेगा। वन ग्राम अब राजस्व ग्राम बनेंगे। मप्र में कोई बिना जमीन के नहीं रहेगा। गरीबों को जमीन का मालिक बनाया जाएगा।