गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक- 2023 को राज्यसभा में पेश किया। दिल्ली में तबादले और नियुक्ति से संबंधित विधेयक को लोकसभा गुरुवार को ही पारित कर चुकी है। राज्यसभा में पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह इससे जुड़े अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके लिए भाजपा ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया था।
आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक के खिलाफ देशभर की यात्रा कर विभिन्न पार्टी के नेताओं से समर्थन मांगा था। उन्होंने कांग्रेस से समर्थन ना देने की स्थिति में विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए से बाहर होने की धमकी भी दी। इसी के चलते दिल्ली और पंजाब की अपनी स्थानीय इकाई के विरोध के बावजूद कांग्रेस ने लोकसभा में विधेयक का विरोध किया।
आज विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने विधेयक का विरोध किया। इसे अलोकतांत्रिक बताया और विधेयक के प्रावधानों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारी को जन प्रतिनिधि से ज्यादा ताकत दी गई है।
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