प्रतिबंधित हथियार एके-47, जीवित कारतूस और हैंड ग्रेनेड बरामद होने के केस में न्यायालय से दोषी करार बाहुबली मोकामा विधायक अनंत सिंह की सजा पर 21 जून को सुनवाई होनी है। अगर उन्हें दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है। यह कहना है पटना उच्च न्यायालय के वकीलों का।
इन वकीलों के अनुसार लोक जनप्रतिनिधि कानून के तहत अगर विधानसभा के किसी भी सदस्य को किसी आपराधिक मामले में दो वर्ष से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जाती है। वकीलों का कहना है कि उनमें कम से कम 7 साल या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। आर्म्स एक्ट के तहत प्रतिबंधित हथियार बरामद होने पर सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
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एएसपी लिपि सिंह ने मारा था छापा
उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त, 2019 को अनंत सिंह के पैतृक आवास बाढ़ थाना के लदवां गांव में बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह ने छापा मारा था। इस दौरान विधायक के पुश्तैनी घर से एके-47, 33 जीवित कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुए थे। इसके बाद बाढ़ थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाढ़ थाने के रोजनामचे में दर्ज एफआईआर नंबर 389/19 में अनंत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 414, 120बी, 25 (1) (बी) (ए), आर्म्स एक्ट, 25 (1) (ए), आर्म्स एक्ट, 25 (1) (एए), आर/डब्ल्यू 35, आर्म्स एक्ट और 3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के साथ ही 13 यूएपीए एक्ट की धारा लगाई गई थी। अनंत सिंह के वकील के मुताबिक बाद में पुलिस ने 13 यूएपीए एक्ट वापस ले लिया था।
2019 को किया था सरेंडर
इसके बाद गिरफ्तारी के भय से राजद विधायक अनंत सिंह भूमिगत हो गए थे। 23 अगस्त, 2019 को उन्होंने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था। 14 जून को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें गुनहगार ठहराया है।