ऐसे हुई अनिल देशमुख के ‘नाम’ और ‘बदनाम’ की कमाई

अनिल देशमुख के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में देशमुख के परिवारजनों से केंद्रीय एजेंसी ने पूछताछ की।

121

अनिल देशमुख सौ करोड़ की धन उगाही करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के प्रकरण में दिक्कतें झेल रहे हैं। बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप सीबीआई जांच कर रही है तो दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है। इस प्रकरण के कारण उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। नागपुर के कटोल से विधायक अनिल देशमुख का सत्ता से घनिष्ठ संबंध रहा है। 1995 से 2014 के पहले तक वे लगातार मंत्री रहे हैं। इस बीच विवादों से भी उनका सामना होता रहा है।

अनिल देशमुख, शिवसेना-भाजपा सरकार में पहली बार मंत्री बने थे। इसके बाद से सत्ता की सदा उन पर कृपा रही।

ऐसे निर्णय जिनमें नाम और ख्याति मिली

सिनेमाघरों में राष्ट्रगीत का निर्णय – वर्ष 2003 में अनिल देशमुख की पहल पर राज्य के सिनेमाघरों में राष्ट्र गीत का निर्णय लिया गया। इसमें सिनेमा गृहों में फिल्म शुरू होने के पहले राष्ट्र गीत बजाना अनिवार्य किया गया था। इस निर्णय के लिए अनिल देशमुख प्रशंसा हुई।

 गुटखा पर प्रतिबंध – राज्य में आबकरी, अन्न व औषधि मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने गुटखा पर प्रतिबंध लगाया था। इसके अंतर्गत राज्य में गुटखा बिक्री, सेवन पर दंड और सजा का प्रावधान किया गया।

सी लिंक की कार्य पूर्ति – राज्य का लोकनिर्माण मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने बांद्रा-वरली सी लिंक के अंतिम चरण का कार्य पूर्ण कराया। इसके कारण परियोजना को गति मिली और 2009 में कार्य पूर्ण हुआ

ऐसे कमाई बदनामी

 2019 में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस सरकार के काल में अनिल देशमुख को गृह मंत्री पद मिला था। परंतु, 20 मार्च 2021 को मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एक पत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्यपाल को लिखा, जिसमें उन्होंने तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ रुपए की धन उगाही करने के लिए पुलिस अधिकारियों को अपने निवास पर बुलाकर उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। इस प्रकरण में अनिल देशमुख के विरुद्ध बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीआई को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था जिसके बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

⇒ जुलाई 2020 में 10 पुलिस उप आयुक्तों का स्थानांतरण किया गया था, जिसे मात्र 48 घंटे के भीतर ही रद्द कर दिया गया। आरोप था कि इन स्थानांतरणों के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से विचार विनिमय नहीं किया गया था।

⇒ 2020 में महाराष्ट्र रेग्युलेटरी कमीशन के वरिष्ठ अधिकारी आनंद कुलकर्णी ने भी अनिल देशमुख के विरुद्ध मीडिया पोस्ट लिखा था।

लाठियों पर तेल लगाओ – मार्च 2019 में देश जब कोरोना के संक्रमण से घिरा तो उस समय महाराष्ट्र गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख ने पुलिस कर्मियों से अपना लाठियों पर तेल लगाने की सलाह दी। जिससे बड़ा बवाल खड़ा हो गया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.