मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से महाराष्ट्र के 300 विधायकों को मुफ्त घर देने की घोषणा के बाद सूबे में राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री को विधायकों को मुफ्त घर देने की बजाय एसटी महामंडल कर्मचारियों की समस्याओं तथा किसानों को अनुदान देना चाहिए।
एसटी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान
एसटी महामंडल के कर्मचारियों के वकील गुणरत्ने ने कहा कि महाराष्ट्र के विधायक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन नहीं कर रहे हैं। यह सभी विधायक किसी भी विधवा शहीद पत्नी प्रवर्ग में अथवा आदिवासी प्रवर्ग में नहीं आते हैं। इसलिए इन विधायकों को करोड़ों रुपये की घर की सौगात किसी भी कीमत में ठीक नहीं है। राज्य सरकार जितना पैसा इन विधायकों के घर पर खर्च करना चाह रही है, उतनी धनराशि में एसटी कर्मचारियों की समस्याओं को हल किया जा सकता है।
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नहीं चाहिए सरकार की ओर से मिलने वाला मुफ्त घर
भाजपा समर्थक विधायक सदा भाऊ खोत ने कहा कि विधायक गरीब नहीं हैं। भले ही मुंबई में कई ग्रामीण विधायकों का घर नहीं है, लेकिन उन्हें घर नहीं चाहिए। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत के विधायक भाई सुनील राऊत ने कहा कि उन्हें भी सरकार की ओर से मिलने वाला मुफ्त घर नहीं चाहिए। राज्य के सभी विधायकों के पास घर हैं इसलिए राज्य सरकार को इस पर खर्च होने वाली धनराशि कहीं अन्य जरूरी जगहों पर लगानी चाहिए।