प्रधान मंत्री की यात्रा विकास, परंपरा और विवाद का मिश्रण है और इसका शहर के भविष्य के साथ-साथ देश के राजनीतिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यहां तक कि विपक्षी एकता की कोशिश को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है।
प्रधानमंत्री को शरद पवार के हाथों पुरस्कृत करने का यह कार्यक्रम 1 अगस्त को पुणे में होने वाला है। इस बीच कांग्रेस की युवक कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी और पवार के इस कार्यक्रम का विरोध शुरू कर दिया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से पुणे में पोस्टर लगाकर इस कार्यक्रम का विरोध किया है। पोस्टर में मणिपुर में जारी हिंसा और अशांति पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुे गो बैक मोदी का पोस्टर लगाया गया है।
एनसीपी सांसद ने किया विरोध
यहां तक कि एनसीपी सांसद वदना चव्हाण ने भी शरद पवार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पवार से इस कार्यक्रम से दूरी बनाने की मांग की है। सबसे बड़ी बात यह है कि पवार ने खुद प्रधानमंत्री को इस पुरस्कार के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने इसके लिए तिलक ट्रस्ट के सदस्यों से अनुरोध किया था। वंदना चव्हाण ने बताया कि अजीत पवार के अलग होने से पहले ही इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया था।
राउत भी नाराज
शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद और पवार के खास माने जाने वाले संजय राउत ने भी मोदी और पवार के एक मंच पर आने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इससे लोगों के मन में भ्रम का निर्माण होगा। उन्होंने पवार से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का अनुरोध किया है।
पुणे के एसपी कॉलेज मैदान में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार दिया जाना है। यह पुरस्कार शरद पवार के हाथों दिया जाएगा। पवार के इस निर्णय से विपक्षी एकता को जोर का झटका लग सकता है। पहले ही अजीत पवार के पार्टी से अलग हो जाने के कारण विपक्षी एकजुटता को काफी नुकसान हो चुका है और अब शरद पवार के इस कदम से उसे भारी नुकसान होने से रोक पाना मुश्किल है।
प्रधानमंत्री के दौरे का शेड्यूल
पुणे की अपनी 1 अगस्त की यात्रा पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मशहूर दगडूशेठ मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान कर अपनी यात्रा का शुभारंभ करेंगे। उसके बाद वे कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही महत्वपूर्ण समारोहों में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री बनेंगे इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता
लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने गठित किया था। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है। यह हर साल एक अगस्त- लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर प्रस्तुत किया जाता है। प्रधानमंत्री इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता बनेंगे। इसे पहले डॉ. शंकर दयाल शर्मा, प्रणब मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, एन.आर. नारायण मूर्ति, डॉ. ई. श्रीधरन जैसे दिग्गजों को प्रदान किया जा चुका है।
मेट्रो ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री पुणे मेट्रो चरण I के दो गलियारों के पूर्ण खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। ये खंड फुगेवाड़ी स्टेशन से सिविल कोर्ट स्टेशन और गरवारे कॉलेज स्टेशन से रूबी हॉल क्लिनिक स्टेशन तक हैं। परियोजना की आधारशिला भी 2016 में प्रधानमंत्री ने रखी थी। नए खंड पुणे शहर के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे शिवाजी नगर, सिविल कोर्ट, पुणे नगर निगम कार्यालय, पुणे आरटीओ और पुणे रेलवे स्टेशन को जोड़ेंगे।
प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह बिजली उत्पादन के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन कचरे का उपयोग करेगा।
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक सौंपेंगे घर
प्रधानमंत्री पीसीएमसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक घरों को सौंपेंगे। वे पुणे महानगरपालिका द्वारा निर्मित 2650 से अधिक पीएमएवाई घरों को भी सौंपेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री पीसीएमसी द्वारा निर्मित किए जाने वाले लगभग 1190 पीएमएवाई घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 6400 से अधिक घरों की आधारशिला भी रखेंगे।