Anti-Sikh Riots: सिख दंगा के एक केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 फरवरी को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है। न्यायालय 18 फरवरी को सजा सुनाएगा
सिख दंगा मामले में 41 साल बाद फैसला आया है। मामला 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार में 2 सिखों की हत्या से संबंधित है। दिल्ली दंगों में सज्जन के खिलाफ तीन से ज्यादा केस चल रहे हैं। हालांकि एक में वह बरी हो चुके हैं।
इससे पहले दिसंबर 2018 में दिल्ली उच्चन्यायालय की डबल बेंच ने उन्हें हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया था। मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल सज्जन कुमार तिहाड़ जेल में सजा भुगत रहे हैं।
इससे पहले 7 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक हत्या मामले में अपना फैसला 12 फरवरी तक टाल दिया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा, जिन्हें शुक्रवार को आदेश पारित करना था, ने फैसला सुनाने को टाल दिया।
#WATCH | Delhi: Visuals of former Congress MP Sajjan Kumar after the Rouse Avenue court convicted him in a 1984 Anti-Sikh riots case linked with the killing of a father-son duo in the Saraswati Vihar area on November 1, 1984. The matter has been listed for arguments on sentence… pic.twitter.com/hj31rnZByX
— ANI (@ANI) February 12, 2025
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सरस्वती विहार में दो व्यक्तियों की हत्या
अभियोजन पक्ष द्वारा कुछ बिंदुओं पर आगे की दलीलें पेश करने के लिए समय मांगे जाने के बाद जनवरी में अदालत ने फैसला सुनाने को स्थगित कर दिया था। यह मामला 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में दो व्यक्तियों की हत्या से संबंधित है। अदालत ने 1 नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित मामले में अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने शुरू में मामला दर्ज किया था, लेकिन एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली।
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कुमार के खिलाफ आरोप तय
16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए, जिसमें उनके खिलाफ “प्रथम दृष्टया” मामला पाया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया।
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शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया, उसके पति और बेटे की हत्या कर दी और सामान लूट लिया तथा उनके घर को आग लगा दी।
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