पूर्व सीनेटर और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता अनवार-उल-हक काकर ने 14 अगस्त को पाकिस्तान के आठवें कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ऐवान-ए-सदर में काकर को शपथ दिलाई, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व कैबिनेट सदस्य मौजूद थे। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज ने 13 अगस्त की देर रात राष्ट्र के नाम अपने विदाई संबोधन में कहा, ”मुझे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की कार्यवाहक प्रधानमंत्री की क्षमता पर भरोसा है।” इसके बाद 8वें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पूर्व सीनेटर और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता अनवार-उल-हक काकर की नियुक्ति का पूर्व सरकार और विपक्ष के राजनेताओं ने स्वागत किया था और उम्मीद जताई थी कि अंतरिम प्रधानमंत्री देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे।
ये हैं चुनौतियां
महीनों से राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे पाकिस्तान की कमान संभालने के साथ काकर का पहला काम देश को चलाने के लिए एक कैबिनेट का चयन करना है, क्योंकि यह एक चुनावी दौर में है, जो महीनों तक चल सकता है। संसद को पिछले सप्ताह आधिकारिक रूप से भंग कर दिया गया था और संविधान के अनुसार 90 दिनों के भीतर चुनाव होने थे। हालांकि, नवीनतम जनगणना के आंकड़े आखिरकार इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित किए गए और निवर्तमान सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग को निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को फिर से निर्धारित करने के लिए समय चाहिए।
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राजनीति में उथल-पुथल
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत से प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद से देश में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। उन्हें पांच साल के लिए इस पद के चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है, लेकिन वह अपनी सजा और दोषसिद्धि के खिलाफ अपील कर रहे हैं।
कौन हैं अंतरिम प्रधानमंत्री काकर
काकर का जन्म 1971 में बलूचिस्तान के किला सैफुल्ला जिले के मुस्लिम बाग में हुआ था और उन्होंने क्वेटा के सेंट फ्रांसिस स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। आठवें कार्यवाहक प्रधानमंत्री पश्तून जातीयता के काकर जनजाति से हैं। पूर्व सीनेटर ने बाद में कैडेट कॉलेज, कोहाट में दाखिला लिया। हालांकि, अपने पिता के निधन के बाद वह क्वेटा लौट आए। तब से उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
काकर का करियर उनके पैतृक शहर के एक स्कूल में पढ़ाने के साथ शुरू हुआ। वह 2008 में नेशनल असेंबली सीट के लिए पीएमएल-क्यू के टिकट पर राजनीति में आए थे, लेकिन बाद में पीएमएल-एन में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने 2013-15 तक लगभग 3 वर्षों तक बलूचिस्तान के तत्कालीन मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी के प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। बाद में वह 2018 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में सीनेट के लिए चुने गए। इसके तुरंत बाद उन्होंने सीनेटर सैयद सईद अहमद हाशमी की मदद से बीएपी के गठन की घोषणा की।
सीनेट में काकर वित्त और राजस्व, विदेश मामलों और विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर स्थायी समितियों का हिस्सा बने रहे और उच्च सदन में प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव संसाधन के लिए स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उनके पीएमएल-एन और पीपीपी सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
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