मुलायम की बहू ने क्यों कहा,’अतीत कभी भविष्य के बराबर नहीं होता?’

मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपए का धनादेश दिया। इसके साथ ही अपर्णा ने जो बयान दिया वह भूतकाल की घटना पर भविष्य की तीखी टिप्पणी से कम नहीं है।

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के घर से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो उनके परिवार में वैचारिक मतभेद को लेकर प्रश्न खड़ा करती है। इसमें मुलायम की बहू अपर्णा ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपए का धनादेश दिया। इसके साथ ही अपर्णा ने जो बयान दिया वह भूतकाल की घटना पर भविष्य की तीखी टिप्पणी से कम नहीं है।

अपर्णा ने कहा है कि ये दान मैंने स्वेच्छा से दिया है। मैं अपने परिवार के लिए जिम्मेदारी नहीं ले सकती। अतीत कभी भी भविष्य के बराबर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि राम भारत के चरित्र, संस्कार और सभी की आस्था के केंद्र हैं। ये राष्ट्र के मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। हमें लगता है कि सभी भारतीय को इसके लिए दान देना चाहिए।

क्या ये अतीत की घटना पर टिप्पणी थी?
उनकी इस टिप्पणी को भविष्य की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी हैं। उनके इस बयान को कारसेवकों पर चलाई गई गोली से जोड़कर देख जा रहा है। बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को कई दिनों से अयोध्या में डटे कारसवेकों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया था और वहां अस्थाई मंदिर बना दिया।

कारसेवकों पर दिया था फायरिंग का आदेश
जब कारसेवक मंदिर की तरफ बढ़ रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सख्त फैसला लेते हुए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। इसमें पांच कारसेवकों की मौत हो गई थी। मुलायम सिंह के इस कदम से बाबरी मस्जिद तो उस समय बच गई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की दिशा और दशा हमेशा के लिए बदल गई। भाजपा को यहीं से राजनैतिक संजीवनी मिल गई, जबकि यादव की छवि हिंदू विरोधी नेता की बन गई। यह घटना 30 अक्टूबर 1990 की है। यादव ने उस समय कहा था कि उनके मुख्यमंत्री रहते बाबरी मस्जिद के पास परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इसके बाद 2 नवंबर 1990 को फिर हजारों कारसेवक हनुममान गढ़ी के पास पहुंच गए। पुलिस ने फिर गोली चलाई, इसमें करीब एक दर्जन कारसेवकों की मौत हो हुई।

6 दिसंबर 1992 में हुआ बाबरी ढांचा ध्वस्त
1991 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और कल्याण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने। मुलायम सिंह बुरी तरह हार गए। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर 1992 को ही कल्याण सिह ने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया। दूसरे दिन केंद्र की यूपीए सरकार ने यूपी सरकार को बर्खास्त कर दिया।

कौन है अपर्णा यादव?
अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1990 को हुआ और उनके पिता का नाम अरविंद सिंह बिष्ट है। उनकी शादी 2011 में हुई थी और यह शादी काफी चर्चित रही थी। इस शादी में अनिल अंबानी और अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों ने शिरकत की थीं। अपर्णा ने ब्रिटेन की मैनचेस्चर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। प्रतीक लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की डिग्री ले चुके हैं। प्रतीक खुद राजनीति से दूर रहते हैं, लेकिन अपनी पत्नी को राजनीति में देखना चाहते हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम प्रथमा है। प्रतीक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के पुत्र हैं।

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पीएम मोदी की प्रशंसा की
अपर्णा भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं की तारीफ कर चुकी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की थी। मार्च 2018 में उन्होंने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि लाल किले से पीएम ने जो बोला, उसे मैं सलाम करती हूं। अपर्णा ने यह बात योगी सरकार के एक साल पूर्ण होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था। उन्होंने इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी और कहा था कि उन्हें सीएम योगी की ईमानदारी और निष्ठा पर भरोसा है।

सपा सरकार पर साधा निशाना,राजनाथ सिंह के छूए पैर
अखिलेश यादव ने उन्हें 2017 के चुनाव में लखनऊ के कैंट से टिकट दिया, लेकिन वह हार गईं। अपर्णा यादव ने 2014 में अखिलेश सराकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपी में केवल भौकाल मंत्रालय काम करता है। उसके बाद मोदी की तारीफ करके और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पैर छूकर अपर्णा यादव ने पैर छूकर राजनीति में खलबली मचा दी थी। राजनाथ सिंह के साथ वह लखनऊ के दिलकुशा गार्डेन स्थित दरगाह हजरत कासिम शहीद पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थीं। उन्हें इस दौरान राजनाथ सिंह के साथ बात करते भी देखा गया।

राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने का अभियान जारी
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए देश भर में चंदा इकट्ठा करने का अभियान चलाया जा रहा है। मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए बनाया गया ट्रस्ट चंदा इकट्ठा करने का काम कर रहा है। पूरे देश के लोग श्रद्धापूर्वक दान कर रहे हैं। न्यास सचिव स्वामी गोविंद गिरी के अनुसार अब तक 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा इकट्ठा किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी से धन इकट्ठा करने का अभियान चलाया जा रहा है और 27 फरवरी तक जारी रहेगा। उनके मुताबिक 492 साल के बाद देश में लोगों को धर्म के लिए कुछ करने का यह पवित्र मौका मिला है।

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