असम और मेघालय के बीच सीमा को लेकर जो विवाद चलता रहा है, उस पर सहमती बन गई है। इस संदर्भ में नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। परंतु, 12 विवादों में से अभी छह पर ही सहमति बन पाई है। यानि विवादों के फिफ्टी प्रतिशत सुलझने की आशा है।
पूर्वोत्तर के दो राज्य पिछले पचास वर्षों से सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने रहे हैं। दोनों राज्यों के बीच कुल 884.9 किलोमीटर की सीमा रेखा है। जिसमें निन्मलिखित विवादित स्थान हैं… जिसमें ताराबारी, गिजांग जंगल, बोकलापारा, पिल्लांगकाटा, रतचेर्रा, बोरदुआर, लांगपीह, नॉंगवाह, मातामूर, खानपारा-पिलंकाटा, देशदेमोरियाह ब्लॉक 1 और 2 और हहीम। जिन छह स्थानों पर सहमति बनी है उसमें 36 गांव आते हैं, जो 36.79 स्क्वेयर किलोमीटर में विस्तृत है।
A historic occasion for people of Assam & Meghalaya as I signed MoU with Shri @SangmaConrad ji in the presence of Adarniya Griha Mantri @AmitShah ji to resolve the 50-year-old boundary issue in 6 areas of difference.
We are confident to resolve the remaining 6 areas too soon. pic.twitter.com/YLAt3qLhLJ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 29, 2022
इसे लेकर कई बार हिंसक झड़पें भी होती रही हैं। जिसे समाप्त करने के लिए कई बार सरकारी स्तर पर चर्चा हो चुकी है। परंतु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा इस विवाद के निपटारे में लक्ष्य केंद्रित करने के परिणास्वरूप यह विवाद लगभग सुलझने की ओर है। पचास प्रतशत क्षेत्रों में समझौता होने विवाद के 70 प्रतिशत क्षेत्र में सहमति बन गई है।
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